जयपुर. वित्तीय संकट से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने वीआईपी सुरक्षा में कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने नए वर्ष में अति विशिष्ट व्यक्तियों को मिल रही मौजूदा सुरक्षा को यथावत (Continuous) रखने का निर्णय लिया है. वीआईपी की सुरक्षा (VIP’s Security) के लिए गठित राज्य स्तरीय रिव्यू कमेटी ने समीक्षा के बाद वीआईपी सुरक्षा को यथावत रखने पर सहमति जताई है.
कमेटी की मुहर के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, विधायक कृष्णा पूनिया, महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश माथुर को मिल रही जेड श्रेणी की सुरक्षा यथावत जारी रहेगी. कमेटी ने विधायकों, सांसदों, पूर्व मंत्री, हाईकोर्ट के न्यायाधीश और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को मिल रही सुरक्षा को भी यथावत रखने पर सहमति जताई है.
निधन होने पर सुरक्षा हटाने का निर्णय
राज्य स्तरीय रिव्यू कमेटी की सचिवालय में हुई बैठक में अति विशिष्ट व्यक्तियों को मिल रही वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा की गई. रिव्यू कमेटी की बैठक में अनुसंशा की गई कि जिन व्यक्तियों को वीआईपी सुरक्षा मिल रही थी लेकिन अब उनका निधन हो गया है तो ऐसी स्थिति में वीआईपी सुरक्षा हटा ली जाए. राज्य का गृह विभाग प्रतिवर्ष वीआईपी व्यक्तियों को मिल रही सुरक्षा की समीक्षा करता है.
प्रदेश में करीब 150 व्यक्तियों को सुरक्षा
राज्य में करीब 150 वीआईपी व्यक्तियों को सुरक्षा मिल रही है। जिन लोगों को सुरक्षा मिल रही है. इनमें सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, हाईकोर्ट के जज, राजनीतिक दलों से जुड़े पदाधिकारी शामिल हैं. समय और परिस्थितियों की मांग के अनुसार अति विशिष्ट व्यक्तियों को विभिन्न श्रेणियों की सुरक्षा मुहैया करवायी जाती है.