सात मिनट तक बादल फटने जैसी स्थिति, वर्षा की तीव्रता 105 मिमी/घंटा

गोरखपुर। आज दिनांक 16 सितम्बर 2025 को मौसम ने अप्रत्याशित रूप दिखाया। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में स्थापित लिडार और वेदर स्टेशन के अनुसार सात मिनट तक वर्षा की तीव्रता 105 मिमी प्रति घंटा दर्ज की गई।

प्रोफेसर शान्तनु रस्तोगी और डॉ. प्रभुनाथ प्रसाद ने बताया कि मौसम विज्ञान की परिभाषा के अनुसार, यदि एक घंटे में 100 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है तो इसे क्लाउडबर्स्ट यानी बादल फटने जैसी स्थिति माना जाता है। वहीं, 50 मिमी तक वर्षा होने पर फ्लैश फ्लड की स्थिति बनती है। शोध छात्रा मिनाक्षी सिंह के अवलोकन के अनुसार कुल 34 मिनट में लगभग 38 मिमी वर्षा हुई और इस दौरान बादलों की ऊँचाई 100 से 300 मीटर के बीच मापी गई।

इस तरह की तीव्र वर्षा अक्सर विनाशकारी परिणाम ला सकती है, जिसमें अचानक आई बाढ़ यानी फ्लैश फ्लड सबसे प्रमुख खतरा है। डॉ. प्रभुनाथ प्रसाद ने बताया कि जलवायु परिवर्तन, वातावरण में नमी की अधिकता और वायुमंडलीय अस्थिरता जैसी परिस्थितियाँ इस तरह की चरम मौसम घटनाओं को और अधिक सामान्य बना रही हैं।

विशेषज्ञों ने चेताया कि इस प्रकार की घटनाएँ न केवल जीवन और संपत्ति के लिए खतरा पैदा करती हैं, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता पर भी असर डालती हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अत्यधिक वर्षा के समय सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।