
गोंडा: बेसिक शिक्षा विभाग में हुए प्रदेश के सबसे बड़े भर्ती घोटाले का मास्टरमाइंड अनुपम पांडेय आखिरकार बेनकाब हो गया है। गोंडा से जुड़े इस बाबू पर 688 फर्जी नियुक्तियों, पेंशन घोटाले और परिवार को अवैध तरीके से नौकरी दिलाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि महज़ ₹50,000 की मासिक सैलरी पाने वाला अनुपम पांडेय लखनऊ से गोंडा तक आधा दर्जन आलीशान मकानों का मालिक है। 12 लग्जरी गाड़ियों की फौज भी उसकी दौलत की कहानी कहती है।

भाजपा विधायक प्रेम नारायण पांडेय ने इस मामले को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और कहा है कि, “यह घोटाला प्रदेश के हजारों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”
घोटाले की परतें:
688 फर्जी नियुक्तियां, जिनमें से कई एडेड स्कूलों में बिना चयन प्रक्रिया के हुईं।
पत्नी, बेटी और साली को भी नौकरी दिलाने का आरोप।
विदेश यात्राओं के दौरान वेतन भुगतान, जो नियमों के सरासर खिलाफ है।
पेंशन योजना में हेराफेरी की भी जांच जारी है।
एसआईटी की जांच चल रही है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि इस घोटाले की फाइनल रिपोर्ट कब आएगी और क्या करोड़पति बाबू को कानूनी शिकंजे में लाया जा सकेगा?