
रिपोर्ट – मनोज मौर्य, गोंडा
गोंडा। दीपावली के नजदीक आते ही जिले में अवैध आतिशबाजी के सामानों का निर्माण एक बार फिर तेज हो गया है। यह काला धंधा अब कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है, जिसमें पूरे परिवार शामिल होकर बारूद से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह लापरवाही किसी भी समय वजीरगंज या नवाबगंज जैसी भयावह घटना को दोहराने का कारण बन सकती है। जहां एक ओर पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता से अवैध पटाखा निर्माण करने वालों के हौसले बुलंद हैं, वहीं आम लोगों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। रिहायशी इलाकों में हो रहे इस खतरनाक निर्माण से किसी भी समय बड़ा हादसा घट सकता है।
करीब ढाई साल पहले वजीरगंज थाना क्षेत्र के ठठेरन पुरवा गांव में आतिशबाजी का सामान बनाते समय भयंकर विस्फोट हुआ था। इस हादसे में एक ही परिवार के आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जिनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल थे। धमाका इतना भीषण था कि दो मंजिला मकान के परखच्चे उड़ गए थे। इसी तरह नवाबगंज कस्बे में भी ऐसे ही विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। उससे पहले 2012 में उसी मकान में धमाका होने से दो लोगों की जान गई थी। ऐसे कई हादसों ने गोंडा को बारूद के ढेर पर बैठा दिया है।
जानकारों के अनुसार, समुदाय विशेष की एक जाति में आतिशबाजी का निर्माण और बिक्री एक कुटीर उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। बूढ़े, बच्चे, महिलाएं सभी इसमें शामिल होते हैं और रिहायशी इलाकों में बारूद के सामान तैयार किए जाते हैं। किसी भी समय छोटी सी चिंगारी बड़ा विस्फोट बन सकती है, जिससे आसपास के लोग भी प्रभावित होते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को इन अवैध गतिविधियों की पूरी जानकारी है, लेकिन मोटे लाभ के चलते कार्रवाई नहीं की जाती। परिणामस्वरूप यह कारोबार बिना किसी भय के फल-फूल रहा है। गोंडा शहर के पटेलनगर, घोसियाना, तोपखाना, फैजाबाद रोड, मेवातियान मोहल्ला और ग्रामीण इलाकों के नवाबगंज, वजीरगंज, तरबगंज, परसपुर, उमरीबेगमगंज, बेलसर, करनैलगंज, कटरा बाजार, मनकापुर, खरगूपुर, कौड़िया, गौराचौकी, इटियाथोक और छपिया जैसे क्षेत्रों में अवैध आतिशबाजी बड़े पैमाने पर तैयार की जा रही है।
जिले के कप्तान विनीत जायसवाल ने बताया कि अवैध आतिशबाजी के खिलाफ सभी सर्किल अधिकारियों और थाना प्रभारियों को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। जनपद की पुलिस पूरी तरह एलर्ट है। जहां कहीं भी ऐसा कार्य सामने आएगा, संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही होगी।
यदि प्रशासन ने अब भी सख्ती नहीं बरती तो दीपावली से पहले गोंडा किसी भी वक्त बड़े विस्फोट की चपेट में आ सकता है। वजीरगंज जैसी घटनाओं से सबक लेकर अवैध आतिशबाजी पर लगाम कसना बेहद जरूरी है।