Mass Marriage का Reality Check: लाभ के लिए नकली फेरे

रिपोर्ट – मनोज मौर्या

बिना फेरे और बिना सिंदूर शादी:

गोंडा। मंगलवार को मुख्यालय स्थित टामसन इंटर कॉलेज परिसर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन हुआ, लेकिन इस भव्य समारोह में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की कई घटनाएँ सामने आईं। 511 पंजीकरण में केवल 395 जोड़ों की शादी हुई। अधिकांश जोड़े केवल सरकारी लाभ के लालच में शामिल हुए।

सूत्रों के अनुसार, कई जोड़ों ने न तो सात फेरे लिए और न ही दुल्हन की मांग में सिंदूर भरा गया। कुछ जोड़े रस्में पूरी न होने की बात करते हुए मीडिया के सवाल सुनते ही भाग खड़े हुए। वहीं, एक पंडित ने बताया कि कई शादियां पहले ही हो चुकी थीं और दोबारा सरकारी लाभ के लिए समारोह में करवाई जा रही थीं।

बिना फेरे और बिना सिंदूर शादी:
इस समारोह में 333 हिंदू और 62 मुस्लिम जोड़े शामिल हुए। कई हिंदू जोड़े ने मांग में सिंदूर नहीं भरा और केवल माथे पर टीका लगा। सूत्रों के अनुसार सात से आठ ऐसे जोड़े भी थे जिनकी असली शादी पहले हो चुकी थी, फिर भी उन्होंने लाभ पाने के लिए दोबारा शादी करवा ली।

खान-पान और सामग्री में अनियमितता:
कार्यक्रम में भोजन और अन्य व्यवस्थाओं में गंभीर अनियमितताएं देखने को मिलीं। कई जोड़ों को खाना नहीं मिला, जबकि कुछ ने बाहर से मंगाया। कैटरिंग और वितरण व्यवस्था में भ्रष्टाचार की बातें उजागर हुईं। कुछ आवेदकों ने पंजीकरण के दौरान अतिरिक्त पैसे मांगने और व्यवधान के चलते स्टेज पर हंगामा किया।

विशेषज्ञों और सूत्रों का कहना है कि इस सामूहिक विवाह योजना की सफलता तभी मानी जा सकती है जब शासन और जिला प्रशासन इसकी गहन जांच करें, अनियमितताओं का खुलासा हो और केवल पात्र जोड़े ही लाभान्वित हों।