
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित 26वीं बटालियन पीएसी कैंप में ट्रेनिंग ले रहीं महिला प्रशिक्षुओं के हंगामे के बाद शासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। बुधवार को बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी और आरटीसी अधिकारियों के कथित अभद्र व्यवहार से नाराज महिला प्रशिक्षुओं ने कैंप के प्रशासनिक भवन और मुख्य गेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छह महिला प्रशिक्षु बेहोश हो गईं, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
महिला प्रशिक्षुओं ने आरोप लगाया कि उन्हें क्षमता से अधिक संख्या में बैरकों में ठूंसा गया है, एक वॉटर कूलर में 600 लोगों के लिए पानी की व्यवस्था है, और बिजली की आपूर्ति भी बाधित रहती है। हंगामे के दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और आरटीसी प्रभारी संजय राय ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
शासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरटीसी प्रभारी संजय राय, कमांडेंट आनंद कुमार और डीआईजी-पीटीएस एवं प्रधानाचार्य रोहन पी. कनय के खिलाफ कार्रवाई की है। कमांडेंट और आरटीसी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है जबकि डीआईजी को पद से हटाकर प्रतीक्षारत किया गया है। उनकी जगह एएसपी अनिल कुमार को पीटीएस गोरखपुर का प्रभारी प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया है।
शासन ने मामले की जांच के लिए पीटीएस मध्य जोन के आईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह को गोरखपुर भेजा। आईजी ने जांच में पाया कि बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का आरोप निराधार है। उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति एक फॉल्ट के कारण कुछ समय के लिए बाधित हुई थी जिसे तुरंत ठीक करा दिया गया। साथ ही उन्होंने अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
बुधवार को सुबह सात बजे शुरू हुए इस हंगामे के दौरान महिला प्रशिक्षु पहले प्रशासनिक भवन पर एकत्र हुईं और बाद में कैंप के मुख्य गेट पर आकर प्रदर्शन करने लगीं। पुलिस मौके पर पहुंची और करीब 9:20 बजे आश्वासन मिलने पर प्रशिक्षु शांत होकर वापस बैरकों में गईं।
इस पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है। डीजीपी राजीव कृष्णा ने देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अफसरों से रिपोर्ट तलब की है।
प्रशिक्षण केंद्र में सिपाही भर्ती 2023 के तहत चयनित करीब 600 महिला प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण 21 जुलाई से चल रहा है। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रशिक्षु के साथ लापरवाही या दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी जरूरी सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जाएंगी।