नई दिल्ली। भारत सरकार ने आज रूस द्वारा विकसित कोरोनोवायरस बीमारी (कोविड-19) के खिलाफ बनी स्पुतनिक-5 को मंजूरी दे दी है। हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैब द्वारा भारत में निर्मित इस वैक्सीन की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत है, जो कि मॉडर्ना और फाइजर शॉट्स के बाद सबसे अधिक है। कोविशिल्ड और कोवाक्सिन के बाद भारत द्वारा अनुमोदित यह तीसरा टीका है।
हुई कई बैठकें
विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिश के बाद, वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया द्वारा ग्रीनलाइट देने के लिए कई बैठकें की गई क्योंकि इसका व्यापक रूप से नागरिकों को टीका लगाने के लिए उपयोग किया जाना है । 1 अप्रैल को अपनी आखिरी बैठक में, समिति ने डॉ रेड्डी से पूछा था कि शॉट कैसे कोरोनोवायरस के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करता है और आज सरकार द्वारा स्पुतनिक-5 को हरी झंडी दिखा दी गई है।
सैटेलाइट के नाम पर वैक्सीन
स्पुतनिक-5 वैक्सीन का नाम सोवियत रूस के पहले स्पेस सैटेलाइट के नाम पर रखा गया है, जो कोविड वायरस को कमजोर करने के सिद्धांत पर काम करता है और शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करता है।दो-खुराक वाली इस वैक्सीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रत्येक शॉट के लिए 10 डालर से कम है।वैक्सीन की वेबसाइट का कहना है कि यह एक सस्ती वैक्सीन है और इसे 2 से 8 डिग्री तापमानके तापमान पर संग्रहित किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि स्पुतनिक-5 का ये पहलू दुनिया भर के कठिन क्षेत्रों में टीके के आसान वितरण की अनुमति देता है।
आज के आंकड़े
भारत में कोरोना की दूसरी लहर सुनामी की तरह आ चुकी है, आज ही 1,68,912 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,35,27,717 हो गई। देश में इस समय चार दिनों का टीका उत्सव भी चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक 10,45,28,565 टीके की खुराक दी जा चुकी है।