सरकार का फैसला अब नहीं किया जाएगा वैक्सीन का एक्सपोर्ट

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना को आए हुए, एक साल से भी अधिक हो गया। इसके प्रसार को रोकने के लिए कई कोशिशें की जा रही है लेकिन हालात ऐसे है कि एक साल बाद भी देश कोरोना संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहा है। देश में लगातार कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता जा रहा है। कई राज्यों में स्थिति विकराल हो रही है, इसलिए कई तरह की पाबंदियां लगाईं जा रही है। मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है जिसके चलते भारत सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने का फैसला किया है।

कोरोना वैक्सीन का एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा

1 अप्रैल से 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण किया जाना है।कहा जा रहा है कि इसके बाद जल्दी ही और लोगों का नंबर आ सकता है।मामलों में इजाफा हो रहा है जिसके चलते सरकार ने फैसला लिया है कि अब कोरोना वैक्सीन का एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा ,ताकि तेजी से देश में टीकाकरण हो सके। सूत्रों के अनुसार “एक्सपोर्ट पर किसी तरह का बैन नहीं होगा, लेकिन घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद ही दूसरे देशों को वैक्सीन की सप्लाई की जाएगी। इसके अलावा भविष्य में टीकों के तेजी से उत्पादन पर भी एक्सपोर्ट का फैसला निर्भर करेगा।”

पहली प्राथमिकता देश के लोगों को दी जाएगी

कोरोना के मामलें बढ़ रहे है जिसकी वजह से सरकार वैक्सीन एक्सपोर्ट नही कर रही है। देश में फिलहाल कोरोना केसों की संख्या 1.17 करोड़ के पार पहुंच गई है औरएक्टिव केसों की संख्या 4 लाख के करीब है। इसलिए पहली प्राथमिकता देश के लोगों को दी जाएगी।

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