नई दिल्ली। कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के कारण लोगों को कई समस्याएं हो रही हैं । लोग इस संकट के अलावा कई आर्थिक एवं पारिवारिक परेशानियों का भी सामना कर रहे हैं। इनमें से एक परेशानी सरकार ने दूर कर दी है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत विभिन्न वैधानिक और नियामकीय अनुपालनों को पूरा करने में करदाताओं के समक्ष आ रही चुनौतियों के मद्देनजर सरकार ने कई अधिसूचनाएं जारी की हैं। ये सभी अधिसूचनाएं दिनांक 1 मई, 2021 को जारी की गई हैं और इनके तहत करदाताओं के लिए विभिन्न राहत उपाय किए गए हैं।
ब्याज दर में दी गई छूट
कर के विलंबित भुगतान के लिए प्रति वर्ष 18% की सामान्य ब्याज दर के बदले में ब्याज की रियायती दरें निम्नलिखित मामलों में निर्दिष्ट की गई हैं।
क. 5 करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए:
मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों हेतु देय कर, जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में दिए जाने हैं, के लिए कर भुगतान की अंतिम तिथि से लेकर पहले 15 दिनों के लिए 9 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर लगेगी। उसके बाद 18 फीसदी ब्याज दर लिया जाएगा।
ख.5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए:
मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों हेतु देय कर, जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में दिया जाना है, उसके लिए कर भुगतान की अंतिम तिथि से लेकर पहले 15 दिनों के लिए शून्य ब्याज दर, अगले 15 दिनों के लिए 9 प्रतिशत ब्याज दर और उसके बाद 18 प्रतिशत ब्याज दर देना होगा। यह छूट सामान्य करदाताओं और क्यूआरएमपी योजना के तहत आने वाले करदाताओं, दोनों ही के लिए है।
ग.कंपोजिशन स्कीम के तहत कर भुगतान करने का विकल्प चुनने वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए:
31 मार्च, 2021 को समाप्त तिमाही के लिए देय कर, जो अप्रैल 2021 में देना था, के लिए कर भुगतान की अंतिम तिथि से लेकर पहले 15 दिनों के लिए शून्य ब्याज दर, अगले 15 दिनों के लिए 9 प्रतिशत ब्याज दर और उसके बाद 18 प्रतिशत ब्याज दर को अधिसूचित किया गया है।
विलंब शुल्क भी किया गया माफ
क.5 करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए:
मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों, जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में देय हैं, के लिए अंतिम तिथि के बाद जीएसटीआर-3बी फॉर्म में जमा किए गए रिटर्न के विलंब शुल्क को 15 दिनों के लिए माफ कर दिया गया है।
ख. 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए:
मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों (मासिक रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए) के लिए / और जनवरी-मार्च, 2021 की अवधि (क्यूआरएमपी योजना के तहत त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए) जो अप्रैल 2021 में देय है, के लिए अंतिम तिथि के बाद जीएसटीआर-3बी फॉर्म में जमा किए गए रिटर्न के विलंब शुल्क को 30 दिनों के लिए माफ कर दिया गया है।
जीएसटीआर-1, आईएफएफ, जीएसटीआर-4 और आईटीसी-04 दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई
ए. अप्रैल महीने के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 और आईएफएफ दाखिल करने की अंतिम तारीख (मई में निर्दिष्ट) 15 दिन बढ़ा दी गई है।
बी. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-4 दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल, 2021 से बढ़ाकर 31 मई, 2021 कर दी गई है।
सी. जनवरी-मार्च, 2021 की तिमाही के लिए फॉर्म आईटीसी-04 दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अप्रैल, 2021 से बढ़ाकर 31 मई, 2021 कर दी गई है।
डी.
सीजीएसटी नियमों में कुछ विशेष संशोधन:
(i) आईटीसी का लाभ लेने में छूट: नियम 36 (4) अर्थात जीएसटीआर-3बी फॉर्म में आईटीसी का लाभ लेने पर 105% की सीमा, जो अप्रैल और मई 2021 की अवधि के लिए संचयी आधार पर लागू होगी, वह मई 2021 की कर अवधि के लिए रिटर्न में भी लागू होगी। अन्यथा, नियम 36 (4) प्रत्येक कर अवधि के लिए लागू होता है।
(ii) इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड का उपयोग करने वाली कंपनियों द्वारा जीएसटीआर-3बी और जीएसटीआर-1 /आईएफएफ को दाखिल किए जाने को पहले ही 27.04.2021 से लेकर 31.05.2021 तक की अवधि के लिए सक्षम कर दिया गया है।
(iii) सीजीएसटी अधिनियम की धारा 168ए के तहत वैधानिक समय सीमा बढ़ाई गई: जीएसटी अधिनियम के तहत किसी अधिकारी या किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न कार्यों को पूरा करने की समय सीमा , जो 15 अप्रैल, 2021 से लेकर 30 मई, 2021 तक की अवधि के अंतर्गत आती है, को 31 मई, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसमें कुछ अपवाद भी हैं।