गुप्तेश्वर पांडेय- हम ठगे नहीं गए, CM जुबान के पक्के आदमी

पटना. बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) ने चुनाव नहीं लड़ने को लेकर कहा कि मैं वीआरएस लेकर एक दल का सदस्य बना. मैं अभी भी जेडीयू में बना हुआ हूं. मैं एक अनुशासित सिपाही हूं.

चुनाव लड़ने की संभावना थी, मैं लड़ सकता था, कुछ समीकरण होते हैं. मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ सका, एनडीए के साथ हूं. जरूरत होने पर जेडीयू और बीजेपी के प्रचार के लिए जाऊंगा.

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव न लड़ने की वजह कोई रही हो, वो बड़े नेता जानते है. हमने सुशांत केस (Sushant case) में चार चीजें की, उनके पिता के कहने पर एफआईआर की. महाराष्ट्र में पुलिस भेजा, वहां बेइज्जत किया. हम तो पूरे देश की पुलिस को एक मानते हैं.

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार पुलिस को कैदी वाहन में बैठा दिया गया. बाद में आईपीएस अधिकारी को भेजा, चीजों के साथ, वहां कुछ नहीं किया. हमारे अधिकारी को रहने की जगह नहीं दी और क्वारंटाइन कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि बिहार में जांच के लिए तमाम राज्यों से अधिकारी आते हैं. अगर सहमत नहीं थे, तो कह देते. हमने डीजीपी से बात करने की कोशिश की, पर उन्होंने बात नहीं की. मेरे पास मीडिया में आने के अलावा और कोई चारा नहीं था.

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि हम ठगे नहीं गए हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जुबान के पक्के आदमी हैं. उनके हमारे बीच क्या बात हुई, मैं आपको क्यों बताऊं. इसमें ठगने की कोई बात नहीं है, मैं एनडीए के साथ हूं.

गुप्तेश्वर पांडेय का टिकट काटे जाने पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने हमला बोला. उन्होंने कहा कि गुप्तेश्वर पांडेय के साथ धोखा हुआ. जेडीयू-बीजेपी ने मिलकर धोखा किया. रिटायरमेंट से 6 महीने पहले टिकट का हवाला देकर VRS दिलवा दिया.

जेडीयू ने दागियों को टिकट दिया, लेकिन एक आईपीएस को टिकट नहीं दिया. अभी भी समय है गुप्तेश्वर पांडेय सम्भल जाएं और अच्छी पार्टी का चयन करें.