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नगरोटा एनकाउंटर में सुरक्षाबलों द्वारा मार गिए गए चार आतंकियों का हैंडलर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी अब्दुल रऊफ असगर था. वह कुख्यात आतंकी और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर का भाई है. मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चीजें भी बरामद की गई हैं.
इनमें पाकिस्तान में निर्मित वायरलेस, क्यू-मोबाइल सेट, डिजिटल मोबाइल रेडियो, जीपीएस जैसी चीजें शामिल हैं. हमले के फिराक में घुसे आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से लगातार संपर्क में भी थे. इस घटना के बाद पाकिस्तान एक बार फिर से बेनकाब हो गया है.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने घाटी में अशांति फैलाने के लिए पुलवामा आतंकी हमले से भी बड़ा आतंकी हमला करने की जिम्मेदारी जैश ए मुहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ असगर को दी. इस हमले की साजिश में आईसआई , अब्दुल रऊफ असगर और क़ाजी तरार शामिल थे.
बहावलपुर में हुई बैठक में जैश के आतंकी नेटवर्क के मौलाना अबू जुंदाल और मुफ्ती तौसीफ भी शामिल थे. शुरुआती योजना के बाद जैश की शकरगढ़ इकाई को आतंकवादियों के चयन और उनके प्रशिक्षण सहित अंतिम तैयारियों को पूरा करने का काम सौंपा गया था.
चार आतंकवादियों ने आत्मघाती हमले का प्रशिक्षण प्राप्त किया और कश्मीर घाटी में भारतीय चौकियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए अधिकतम गोलाबारी का उपयोग करने के लिए अभ्यास किया.
जैश के आतंकवादियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए सीमा पार सांबा सेक्टर के नालों का इस्तेमाल किया और जम्मू में कठुआ की ओर सांबा से छह किलोमीटर दूर जाटवाल के करीब एक ट्रक में चढ़ गए. सूत्रों ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि जैश ने इसी क्षेत्र में अंधेरी रात को घुसपैठ भी की थी.
बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर पुलवामा आतंकी हमले को दोहराने के मकसद से सीमा पार से आत्मघाती आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश की गई थी. भारत सुरक्षाबलों ने मुस्तैदी से इन चार आतंकियों को मार गिराया था.