
लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास से आज एक ऐतिहासिक और राष्ट्रभक्ति से भरे माहौल में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री—केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक—भी मौजूद रहे। समारोह में देशभक्ति के गीतों की गूंज, बच्चों के हाथों में लहराते झंडे और उत्साह से भरे नागरिकों की भीड़ ने माहौल को और भी गरिमामय बना दिया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आजादी का अमृतकाल मना रहा है। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उन्होंने कहा, “हर घर तिरंगा, हर दिल में भारत—यही हमारी पहचान होनी चाहिए। यह अभियान सिर्फ झंडा लगाने का प्रतीक नहीं, बल्कि एक सशक्त, आत्मनिर्भर और एकजुट भारत का संकल्प है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि 13 से 15 अगस्त तक पूरे उत्तर प्रदेश में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलेगा। इस दौरान न सिर्फ शहरों में बल्कि गांव-गांव, मोहल्लों और बस्तियों में तिरंगा लहराया जाएगा। पंचायत स्तर से लेकर नगर निगम और नगर पालिका तक, हर जगह तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। योगी ने कहा कि हमें सुनिश्चित करना है कि हर घर पर तिरंगा फहरे और यह संदेश जाए कि भारत का हर नागरिक अपने राष्ट्रध्वज का सम्मान करता है।
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी संबोधित करते हुए कहा कि तिरंगा सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि हमारे स्वतंत्रता, स्वाभिमान और त्याग का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर #HarGharTiranga हैशटैग के साथ अपने घर पर लगे तिरंगे की तस्वीरें साझा करें, ताकि यह अभियान जन-जन तक पहुंचे।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस अभियान से नई पीढ़ी में देशभक्ति का जज़्बा और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमें हमारे इतिहास, हमारी संस्कृति और हमारे संघर्ष की याद दिलाता है।
अभियान का उद्देश्य और महत्व
‘हर घर तिरंगा’ अभियान का मूल उद्देश्य लोगों में राष्ट्रध्वज के प्रति सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाना है। पहले तिरंगा आमतौर पर सरकारी इमारतों, स्कूल-कॉलेजों और कुछ विशेष अवसरों पर ही दिखाई देता था, लेकिन अब सरकार चाहती है कि यह हर नागरिक की पहचान बने। 13 से 15 अगस्त के बीच लोग अपने घरों, दुकानों, कार्यालयों और वाहनों पर तिरंगा फहराएंगे।
यह अभियान न केवल राष्ट्रप्रेम की भावना को जगाने के लिए है, बल्कि भारत की एकता और अखंडता का संदेश भी देता है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद शुरू हुआ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ इसी श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करना, ऐतिहासिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित करना और देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाना शामिल है।
राजधानी लखनऊ में रंगा तिरंगे के रंगों में
लखनऊ शहर इस अवसर पर मानो तिरंगे के रंगों में रंग गया। मुख्य सड़कों पर तिरंगे झंडों की कतारें, सरकारी और निजी इमारतों पर लगे बैनर और रंगीन लाइटें, बच्चों के हाथों में तिरंगे गुब्बारे—हर जगह देशभक्ति का माहौल था। सीएम आवास से रवाना हुई तिरंगा यात्रा में सैकड़ों स्कूली बच्चे, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तथा आम नागरिक शामिल हुए। यात्रा में भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे गूंजते रहे।
ग्रामीण अंचल तक पहुंचेगी तिरंगा यात्रा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में ग्राम पंचायतों तक तिरंगा यात्रा पहुंचाएं। स्कूल-कॉलेज, व्यापारिक संगठन, धार्मिक स्थल और सामाजिक संस्थाएं भी इस अभियान में भाग लेंगी।
प्रधानमंत्री के संदेश का उल्लेख
योगी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संदेश का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि तिरंगा यात्रा देश के हर कोने में निकले और हर घर पर तिरंगा फहरे। पीएम ने इसे देश की आत्मा से जोड़ते हुए कहा था कि यह केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एकता और अखंडता की पहचान है।
नागरिकों की भागीदारी
कार्यक्रम में मौजूद नागरिकों ने भी इसे एक यादगार पल बताया। लखनऊ की रहने वाली पूजा त्रिपाठी ने कहा, “यह पहली बार है कि हमने अपने घर पर तिरंगा फहराने का संकल्प लिया है। यह गर्व और जिम्मेदारी दोनों है।” वहीं छात्र विवेक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर यह अभियान वायरल हो रहा है और युवा इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
सरकारी विभागों की तैयारी
अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी पूरी तैयारी की गई है। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यालयों पर तिरंगा फहराएं और अपने कर्मचारियों को भी इसके लिए प्रेरित करें। स्कूलों में तिरंगा व निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी, जबकि पंचायत स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए संदेश दिया जाएगा।
‘हर घर तिरंगा’ केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन बनने की ओर बढ़ रहा है। आजादी के अमृतकाल में जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, यह अभियान नागरिकों में देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत करेगा।