
हरदोई/रुपापुर। बुधवार, 24 सितम्बर 2025 को रुपापुर चीनी मिल में शरदकालीन गन्ना बुवाई को लेकर एक वृहद किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय किसानों की बड़ी संख्या उपस्थित रही। गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को गन्ने की शरदकालीन बुवाई के महत्व, आधुनिक कृषि पद्धतियों और फसल की पैदावार बढ़ाने के तरीकों से अवगत कराना था।
इस अवसर पर चीनी मिल इकाई प्रमुख संजीव कुमार तोमर, गन्ना प्रमुख ए. सिद्दीकी, तथा कृषक परीक्षण संस्थान शाहजहांपुर के सहायक निदेशक डॉ. कपिल ने किसानों को संबोधित किया।
इकाई प्रमुख संजीव कुमार तोमर ने कहा कि, “शरदकालीन गन्ना बुवाई का सीधा संबंध समय पर गन्ना आपूर्ति और किसानों की आय से है। सितंबर-अक्टूबर में बुवाई करने से पौधों की संख्या और जड़ों का विकास बेहतर होता है, जिससे फसल में अधिक पैदावार होती है। समय पर बुवाई से रोग और कीट का प्रकोप भी कम होता है।”
गन्ना प्रमुख ए. सिद्दीकी ने बताया कि, “सितंबर माह गन्ना बोने के लिए सर्वोत्तम समय है क्योंकि खेत में नमी पर्याप्त रहती है और मौसम पौधों की स्थापना के लिए अनुकूल होता है। देर से बुवाई करने पर कल्ले और पैदावार दोनों प्रभावित होती हैं। किसान भाई अभी से तैयारी करें और वैज्ञानिक पद्धति से बुवाई करें।”
डॉ. कपिल ने तकनीकी दृष्टिकोण से समझाया कि, “किसानों को उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए—को० 0118, कोसा० 13235, कोलख० 14201 और कोलख० 16202। कतारों के बीच दूरी 4 फुट, बीज का 30 मिनट तक उपचार, समय पर सिंचाई और जैविक उर्वरक का प्रयोग आवश्यक है। सितंबर में बोए गए गन्ने की फसल अवधि लंबी होती है, जिससे पैदावार और गुणवत्ता दोनों बेहतर रहती हैं। शरदकालीन गन्ने की पेडी की क्षमता भी अधिक होती है।”
ब्लॉक प्रमुख संघ के प्रदेश अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह ‘सेनानी’ ने इस वर्ष पर्ची व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि, “पारदर्शी पर्ची प्रणाली लागू की गई है, ताकि प्रत्येक किसान को उचित समय पर गन्ना आपूर्ति का अवसर मिले। शरदकालीन गन्ना बोने वाले किसानों की पर्ची को प्राथमिकता दी जाती है।”
कृषक गोष्ठी का संचालन चीनी मिल के सहायक महाप्रबंधक गन्ना सावरकर सिंह ने किया। गोष्ठी में उपस्थित सभी अधिकारियों ने किसानों को भरोसा दिलाया कि चीनी मिल और समिति हर समय उनके साथ हैं और उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।