नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में सावन का महीना खास होता है। सावन में कई त्योहार मनाए जाते है। लेकिन हरियाली तीज महिलाओं के लिए बेहद खास होता हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं। चारों ओर हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता हैं।
महिलाओं के मायके से आता है सिंघाड़ा
इस दिन शादीशुदा महिलाओं के मायके से सिंघारा आता है। वहीं ससुराल में सासू मां अपनी अपनी बहुओं को सोलह श्रृंगार देती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सुहागिन महिलाए अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती है।
माता पार्वती ने शुरू किया था ये व्रत
शिव पुराण के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक कठिन तपस्या की थी। फिर भी उनकी मनोकामना पूर्ण नहीं हुई। उन्होंने अपने 108वें जन्म में तीज व्रत के प्रभाव से भगवान शिव को प्रसन्न करने में सफल रहीं। भगवान शिव ने माता पार्वती के व्रत से प्रसन्न होकर उनको अपनी अर्धांगिनी बनाया। हरियाली तीज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और शाम को होने वाली पूजा के दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार की वस्तुएं तथा भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाती है।