हाटा चीनी मिल की क्रांतिकारी पहल, मशीन से होगी गन्ने की खेती

कुशीनगर। हाटा तहसील क्षेत्र की ढाढ़ा चीनी मिल ने किसानों की लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से गन्ने की बुवाई में आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल की पहल शुरू की है। ग्राम चिलुआ और पिंडरा में आयोजित गोष्ठी में मिल अधिकारियों और कृषि विशेषज्ञों ने शरदकालीन गन्ना बुवाई व कृषि यंत्रों के प्रयोग की जानकारी किसानों को दी।

उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच, गोरखपुर के पूर्व सहायक निदेशक और गन्ना विशेषज्ञ डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता ने मिल के अधिशासी अध्यक्ष करण सिंह का संदेश देते हुए बताया कि ऑटोमेटिक केन प्लांटर एक एकड़ खेत में मात्र दो घंटे में गन्ने की बुवाई कर सकता है, जिसमें केवल 3-4 मजदूर लगते हैं। यह मशीन एक साथ नाली बनाती है, गन्ने की गेंड़ी काटती है, उर्वरक और कीटनाशक डालती है तथा गेंड़ी को ढकती भी है।

उन्होंने कहा कि किसानों की आय तभी बढ़ेगी जब प्रति एकड़ गन्ने का उत्पादन 400 से 500 कुंतल होगा और इसके लिए गन्ना कृषि यंत्रों का प्रयोग कर लागत कम करनी होगी। इस समय गन्ने की फसल की बंधाई समय पर करना जरूरी है और खेतों में लिपटने वाले घास को निकालना चाहिए।

अधिशासी उपाध्यक्ष (गन्ना) रविंद्र कुमार सिंह और सहायक उपाध्यक्ष (गन्ना) मनोज कुमार बिश्नोई ने किसानों को मथमुड़िया कीट नियंत्रण के लिए नटेरा, नेटजैन या कोराजेन कीटनाशक के प्रयोग की सलाह दी। उन्होंने बताया कि यह कीटनाशक चीनी मिल में अनुदान पर उपलब्ध है और किसानों को अपने गन्ना क्षेत्र का सर्वे अवश्य कर लेना चाहिए, ताकि मिल चलने के बाद कोई शिकायत न रहे।

गोष्ठी में किसान अरविंद पटेल, सुदामा चौरसिया, दिग विजय, नवेदा पांडेय, शैलेश सिंह, प्रेम प्रकाश, रविंद्र गौतम और सुदर्शन सहित कई लोग मौजूद रहे।