दिव्यांग होकर भी दूसरों के लिए बने सहारा: हेमन्त कुमार बाजपेई समाज सेवा में बने प्रेरणा स्रोत


बाराबंकी जनपद के ब्लॉक सिद्धौर स्थित ग्राम सभा बीबीपुर निवासी हेमन्त कुमार बाजपेई, जो स्वयं एक दिव्यांग हैं, आज समाज में दिव्यांगजनों की सहायता और अधिकारों के लिए संघर्ष का दूसरा नाम बन चुके हैं। उनकी निःस्वार्थ सेवाएं और सामाजिक प्रतिबद्धता उन्हें क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत के रूप में स्थापित करती हैं।

हेमन्त ने बीते कई वर्षों से दिव्यांगजनों की पहचान कर उन्हें छात्रवृत्ति, पेंशन, यूडीआईडी कार्ड, ट्राईसाइकिल, सहायक उपकरण और अन्य लाभकारी योजनाओं से जोड़ा है। वे केवल योजनाओं की जानकारी ही नहीं देते, बल्कि आवेदन प्रक्रिया में भी स्वयं जाकर सहयोग करते हैं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे।

हेमन्त का मानना है कि “दिव्यांगजन भी समाज की मुख्यधारा में सम्मान और समानता के साथ जीवन जी सकते हैं”, और इसी सोच को लेकर वे निरंतर गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से मिलकर दिव्यांगजनों की समस्याएं उठाईं और समाधान भी कराया।

उनकी यह पहल न सिर्फ दिव्यांगजनों के हक की आवाज़ बनी है, बल्कि आम समाज को भी संवेदनशील बनाने का माध्यम बनी है।

हेमन्त कुमार बाजपेई कहते हैं:

“मैं जो भी करूंगा, समाज के लिए करता रहूंगा। मेरा उद्देश्य है कि कोई भी दिव्यांग जानकारी या सहयोग के अभाव में पीछे न रह जाए।”

वे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, नशा मुक्ति, हरितिमा संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर भी समाज को जागरूक करने का संकल्प लिए हुए हैं। उन्होंने यह प्रण लिया है कि जब तक जीवन है, वे इन कार्यों के लिए आजीवन सेवा करते रहेंगे।