नई दिल्ली। वामपंथी पार्टी सीपीआई (एम) ने भाजपा की राष्ट्रवाद की नीति से मुकाबला करने की रणनीति बना ली है। आजादी के 74 साल बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इस बार 15 अगस्त के दिन को एक भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया के कि सभी पार्टी कार्यालयों पर इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया जाएगा। बता दें कि यह बदलाव लगभग 7 दशक के बाद देखने को मिलेगा जब अविभाजित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने यह बयान दिया था कि ‘ये आजादी झूठी है’।
माकपा कार्यालय पर पहली बार लहराएगा तिरंगा
माकपा की राज्य समिति ने तय किया है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह, 15 अगस्त का आयोजन माकपा राज्य कार्यालय मुजफ्फर अहमद भवन में किया जाएगा। शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी में वहां तिरंगा झंडा फहराया जाएगा. माकपा के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। लेकिन अचानक ही ऐसा फैसला लेने के पीछे भी कारण है। वामपंथी नेता का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी ने राष्ट्रवाद या देशभक्ति का फायदा उठाकर देश के लोगों को प्रभावित किया है। उससे मुकाबले के लिए रणनीति में परिवर्तन जरूरी है और इसी नीति के तहत यह निर्णय किया गया है।
पार्टी ने किया सभी बातों को खारिज
हालांकि पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रदेश समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी चक्रवर्ती ने इन सब बयानों को खारिज किया कि माकपा पहली बार स्वतंत्रता दिवस मना रही है। उन्होंने कहा कि माकपा हमेशा से ही अलग-अलग तरीके से स्वतंत्रता दिवस मनाती आ रही है।
उन्होंने कहा, ‘हम आम तौर पर फासीवादी ताकतों, सांप्रदायिक ताकतों से देश के सामने आने वाले खतरों पर चर्चा करके स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस भव्य तरीके से मनाया जाएगा क्योंकि 75वां या 100वां साल हर बार नहीं आते।’