हाईलाइट
- ये धाराएँ अंग्रेज़ों के ज़माने से भारतीय दंड संहिता का हिस्सा रही हैं।
- कई चर्चित साज़िश और देशद्रोह के मामले ।
विनीत प्रताप सिंह । गाजियाबाद ।। हाथरस मामले में प्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि राज्य में जातीय दंगे भड़काने और उत्तर पदेश सरकार की छवि ख़राब करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साज़िश रची जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘हमारे विरोधी अंतरराष्ट्रीय फ़ंडिंग के ज़रिए जातीय और सांप्रदायिक दंगों की नींव रखकर हमारे ख़िलाफ़ साज़िश कर रहे हैं’। यूपी पुलिस ने हाथरस के चंदपा थाने में सोमवार को एक एफ़आईआर दर्ज कर अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ कई धाराएँ लगाई हैं जिनमें आपराधिक साज़िश (120B) और राजद्रोह (124A) जैसी धाराएँ शामिल हैं।
आपराधिक साज़िश के मामले में अपराध की गंभीरता को देखते हुए मृत्युदंड और आजीवन कारावास से लेकर छह महीने तक की सज़ा हो सकती है।
देशद्रोह के मामले में आजीवन कारावास से लेकर तीन साल तक की सज़ा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह ग़ैर-ज़मानती अपराध माना जाता है।
कुछ मामलेे जो साज़िश के तहत बताये गये
दिल्ली का दंगा
दिल्ली पुलिस ने इस साल हुए दंगों को एक सुनियोजित साज़िश क़रार दिया है। उसने 16 सितंबर को अपनी हज़ारों पन्नों के आरोप पत्र में 15 लोगों के ख़िलाफ़ जो धाराएँ लगाई गई हैं उनमें आपराधिक साज़िश रचने और देशद्रोह की धाराएँ भी शामिल हैं।
जेएनयू का देशद्रोही मामला
दिल्ली पुलिस ने फ़रवरी 2016 के चर्चित जेएनयूए मामले में भी साज़िश की बात की और वहाँ भी साज़िश रचने और देशद्रोह की धाराओं का इस्तेमाल किया। पुलिस ने जनवरी 2019 में दिल्ली की एक अदालत में कुल 10 लोगों के ख़िलाफ़ उपरोक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। उनपर आरोप लगाया कि उन्होंने 9 फ़रवरी 2016 को 2002 में संसद पर हुए मामले में अफ़ज़ल गुरू को फांसी दिए जाने के विरोध में बुलाई गई एक सभा में देशद्रोही नारे लगाए।
प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश का मामला
2017-18 के एल्गार परिषद मामले को भी पुलिस ने आपराधिक षडयंत्र और देशद्रोह का मामला बताया है और उपरोक्त धाराओं का इस्तेमाल किया है।
कोरेगांव का मामला
31 दिसंबर 2017 को पुणे में भीमा-कोरेगाँव युद्ध के 200 साल पूरे होने पर एल्गार परिषद नाम के एक कार्यक्रम के दौरान हिंसा भड़क उठी जिसमें एक व्यक्ति मारा गया था। इसके बाद पुणे और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अगले कई दिनों तक हिंसा हुई थी। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी एनआईए ने उनके ख़िलाफ़ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया उनमें देशद्रोह और आपराधिक साज़िश की धाराएँ भी शामिल थीं।
दिल्ली के मुख्य सचिव का मामला
2018 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फ़रवरी की रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में कुछ विधायकों ने उनके साथ कथित रूप से मारपीट की थी। इस घटना में भी 11 विधायकों के ख़िलाफ़ अन्य धाराओं के साथ आपराधिक साज़िश का मामला भी शामिल था। ये मामला अभी तक अदालत में लंबित है।
चिदंबरम का मामला
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भी पिछले साल जब सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तार किया था, तो उनके ख़िलाफ़ भी आपराधिक साज़िश की धारा लगाई गई थी। चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ़्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद वो 106 दिनों के बाद 4 दिसंबर को रिहा हो सके थे।
बाबरी मस्जिद विध्वंस का मामला
इस मामले में भी उनके ख़िलाफ़ जो धाराएँ लगाई गई थीं उनमें 120B यानी आपराधिक षडयंत्र की धारा भी शामिल थी। इस धारा को 2001 में सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने तकनीकी कारणों में से हटा दिया था। मगर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा आपराधिक साज़िश के आरोप को बहाल कर दिया।