प्रदोष व्रत का महत्व
माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने पड़ने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. धर्म कर्म की दृष्टि से माघ का महीना बहुत ही महत्वपूण है. इसलिए इस मास में शिव पूजा का महत्व बड़ जाता है. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत को रखने और शिव परिवार की पूजा करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं और हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है.
दांपत्य जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं
प्रदोष व्रत पर की जाने वाली पूजा दांपत्य जीवन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है. दांपत्य जीवन में तनाव, कलह आदि की समस्या को भी यह व्रत दूर करने वाला माना गया है.
मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करता है
भौम प्रदोष व्रत मंगल ग्रह की अशुभता को भी दूर करने में सहायक है. जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ है या फिर मंगल ग्रह के कारण किसी भी तरह की परेशानी बनी हुई तो इस दिन शिव जी की पूजा से इसकी अशुभता में कमी लाई जा सकती है.
भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
- त्रयोदशी तिथि का आरंभ: 9 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 19 मिनट से.
- त्रयोदशी तिथि समापन: 10 फरवरी प्रात: 02 बजकर 05 मिनट पर.
- प्रदोष व्रत पूजा शुभ मुहूर्त: 9 फरवरी शाम 06 बजकर 03 मिनट से रात्रि 08 बजकर 40 मिनट तक.