नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. नवंबर के आखिरी हफ्ते से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों से मिलने दूसरी बार पहुंचे केजरीवाल ने कहा, ‘‘ मैं किसी भी केंद्रीय मंत्री को चुनौती देता हूं कि वह किसानों के साथ खुली बहस करें जिससे पता चल जाएगा कि ये कृषि कानून लाभदायक हैं या हानिकारक.’’
मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी थे. इससे पहले केजरीवाल सात दिसंबर को दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए थे. अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘ किसान अपने जीवन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
ये कानून उनकी भूमि छीन लेगा. मैं हाथ जोड़कर केंद्र से अपील करता हूं कि वह कृपा कर इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले.’’
मनीष सिसोदिया ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा, ‘‘हम सभी व्यवस्थाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि आपको (किसानों को) कम से कम परेशानी हो.’’ सिंघू बॉर्डर के दौरे में केजरीवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा की गई व्यवस्था का भी जायजा लिया.
गौरतलब है कि केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का मजबूती से समर्थन कर रही हैं. सिंघू बॉर्डर के अलावा किसान जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
29 दिसंबर को सरकार से बातचीत के लिए किसानों ने भेजा प्रस्ताव
बता दें कि किसानों ने सरकार से अगले दौर की बातचीत के लिए 29 दिसंबर को 11 बजे का समय तय किया है. बातचीत के लिए किसानों ने सरकार के सामने चार शर्तें रखी हैं, जिसमें तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग है.