नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट समिति (आईसीसी) के नए चेयरमैन जॉन बारक्ले ने सोमवार को कहा कि आईसीसी पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों-भारत और पाकिस्तान को नियमित रूप से एक-दूसरे के साथ द्विपक्षीय सीरीज खेलते हुए देखना चाहते हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि उनके पास ऐसा सुनिश्चित करने के लिए कोई जनादेश नहीं है कि वास्तव में ऐसा हो.
भारत और पाकिस्तान ने राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में जारी खटास के कारण पिछले कुछ वर्षों से एक-दूसरे के साथ एक भी टेस्ट सीरीज नहीं खेली है. पाकिस्तान ने 2007 में आखिरी बार तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारत का दौरा किया था जबकि भारत ने 14 साल पहले पाकिस्तान का दौरा किया था.
इसके बाद पाकिस्तान की टीम वनडे और टी-20 सीरीज के लिए अंतिम बार 2012 में भारत दौरे पर आई थी. इसके अलावा उसने चार साल बाद 2016 में भारत में हुए टी-20 विश्व कप में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था.
बारक्ले ने मीडिया से कहा, “मैं भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज से ज्यादा कुछ नहीं पसंद करूंगा क्योंकि वे पहले की तरह ही क्रिकेट संबंधों को जारी रखने में सक्षम होंगे. मैं साथ ही यह भी समझता हूं कि यहां द्विपक्षीय सीरीज खेलने में राजनीतिक मुद्दे हैं, जोकि मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है.”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम सब यह कर सकते हैं कि आईसीसी की मदद करना जारी रख सकते हैं. साथ ही किसी भी तरह से सहायता और समर्थन जारी रखना चाहते हैं, जिससे हम ऐसे परिणाम ला सकते हैं जो भारत और पाकिस्तान को ऐसी स्थिति में ला सके, जहां वे एक-दूसरे के खिलाफ और अपने घर में नियमित रूप से क्रिकेट खेल सकें.”
आईसीसी के नए चेयरमैन ने साथ ही कहा, “इसके अलावा, मुझे नहीं लगता कि मेरे पास एक जनादेश या उससे अधिक परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता है. यह वास्तव में एक ऐसे स्तर पर किया जा रहा है, जहां हम काम कर रहे हैं.” बारक्ले ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारें अगर किसी अंतिम परिणाम पर पहुंचती हैं तो आईसीसी इसमें एक सूत्रधार की भूमिका निभाएगा.
उन्होंने कहा, “आश्वासन के अलावा जैसा कि वे कहते हैं कि क्रिकेट के दृष्टिकोण से, हम उन देशों को नियमित रूप से फिर से एक साथ वापस लाना पसंद करेंगे. आईसीसी ऐसा करने में मदद करेगा.”
पाकिस्तान को अगले साल होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप के लिए और फिर 2023 में होने वाले 50 ओवरों के क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत का दौरा करना है. तब फिर से पाकिस्तान का भारत दौरा मुद्दा पकड़ सकता है.