चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और समाज शास्त्र सहित कई विषयों की चाणक्य को बहुत गहरी जानकारी थी.
चाणक्य ने अपने जीवन में अच्छा और बुरा दोनों ही दौर देखा था, इसलिए उन्हें इस बात का बहुत अच्छे से अनुभव था कि जब मनुष्य का बुरा समय आता है तो उससे वो कैसे बाहर निकले.
चाणक्य ने अपने अध्ययन और अनुभव के आधार पर जो भी जाना और समझा उसे अपनी चाणक्य नीति में स्थान दिया. सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी चाणक्य नीति की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. इसीलिए आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य की चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं और उसकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारते हैं. मनुष्य के सामने जब संकट आ जाए और कोई बाहर निकलने का रास्ता नजर न आए तो चाणक्य की इन बातों को याद करना चाहिए-
हिम्मत कभी न हारें
चाणक्य के अनुसार बुरा वक्त हर किसी के जीवन में आता है. लेकिन जो बुरे वक्त में हिम्मत नहीं हारते हैं और इसका डटकर मुकाबला करते हैं, वे लोग ही याद रखे जाते हैं.चाणक्य की मानें तो कितना ही बुरा समय क्यों न आ जाए मनुष्य कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए.
शत्रु जब सक्रिय हो जाएं
चाणक्य के अनुसार जब शत्रु सक्रिय हो जाएं तो व्यक्ति को शांत मन से अपनी रणनीति पर कार्य करना चाहिए. कई बार क्रिया की प्रतिक्रिया हानि पहुंचा देती है, इसलिए समय का इंतजार करने में ही भलाई होती है. इसलिए शत्रु जब शक्तिशाली हो तो छिपकर रणनीति बनाना चाहिए और उचित अवसर आने पर चोट करनी चाहिए.
गलतफहमी न आनें दें
चाणक्य के अनुसार कई बार गलतफहमी के कारण संबंध प्रभावित होने लगते हैं. सर्वप्रथम किसी भी रिश्ते मे गलतफहमी के लिए कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. गलत फहमी को दूर करने के लिए संवाद की प्रक्रिया को मजबूत बनाएं.
परिश्रम करते रहना चाहिए
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को निरंत परिश्रम करते रहना चाहिए. परिश्रम में ही व्यक्ति की सफलता का राज छिपा है. जो लोग परिश्रम नहीं करते हैं और आलस से घिरे रहते हैं वे सदैव परेशानियों को सामना करते हैं. आज के काम को कल पर कभी नहीं टालना चाहिए.