उच्च शिक्षा का संबंध कुंडली में भाग्य व धर्म स्थान से होता है. कुंडली में नौंवा भाव इसका प्रतिनिधित्व करता है. ग्रहों गुरु सूर्य और बुध प्रमुखता से इससे संबंधित हैं. उच्च शिक्षा में सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. विषय विशेष में आस्था और विषयगत धर्म का निर्वहन है. गुरु इसमें सहायक होते हैं. गुरु बनाए बिना उच्च शिक्षा में सफलता दुष्कर होती है. गुरु उसे सहज बना देते हैं. गुरु की कृपा पाने के लिए अनुशासित और आज्ञाकारी बनें.
बुध ग्रह विवेक और चातुर्य का कारक है. बुध मजबूत होने पर विषय को समझने और जानने की क्षमता बढ़ती है. भगवान गणेश की पूजा से बुध बलवान होते हैं. बुध को नवयुवा और किशोर ग्रह भी माना जाता है. समवयस्क मित्रों से अच्छे व्यवहार और आपसी आदान-प्रदान से भी उच्च शिक्षा में बल मिलता है.
सूर्य का संबंध प्रशासन और प्रबंधन से उच्च शिक्षा में आपकी सफलता और अच्छे मूल्यांकन में सूर्य का महती योगदान होता है. विद्यार्थियों को अच्छे अंकों के लिए सूर्य को प्रतिदिन नमस्कार करना चाहिए. सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.
सूर्य का भगवान विष्णु से भी संबंध है. विष्णु जगतपालक हैं. सब पर कृपा बरसाने वाले हैं. उच्च शिक्षा में श्रेष्ठ उपलब्धियों को उनकी कृपा से ही पाया जा सकता है. भगवान अटूट आस्था और विश्वास से प्रसन्न होते हैं. विद्यार्थी को अपने विषय और गुरु पर अटूट आस्था और आदरभाव होना चाहिए.