
फतेहपुर–बाराबंकी। क्षेत्र में बुधवार को नहरों से सिल्ट निकासी और नीलामी का कार्य शुरू होते ही मानकों की अनदेखी और अवैध खनन के आरोप सामने आने लगे हैं। मुंडेरा नहर की पुलिया से बिसाही पुलिया के बीच ठेकेदारों ने सिल्ट निकासी के नाम पर नहर के अंदर तक गहराई में खुदाई शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नहर सफाई की आड़ में पोकलैंड मशीनों से मिट्टी निकालकर ट्रैक्टर–ट्रालियों में भरकर महंगे दामों पर बेचा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, तहसील फतेहपुर क्षेत्र में सिल्ट की नीलामी होने के बाद ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। नियमों के मुताबिक नहर के बेड पर जमी पुरानी सिल्ट की ही नीलामी की जाती है, जबकि नई सिल्ट को सफाई के बाद वापस नहर में डालना जरूरी होता है ताकि भविष्य में उसकी दोबारा नीलामी हो सके। लेकिन यहां दोनों प्रक्रियाओं को मिलाकर भारी गड़बड़ी की जा रही है। विभाग द्वारा ठेकेदार को सिर्फ 500 मीटर क्षेत्र से सिल्ट उठाने की अनुमति दी गई थी, जबकि मौके पर अनेक ट्रैक्टर–ट्रालियां पटान के लिए सिल्ट ढोते देखी गईं।
क्षेत्र के लोगों अरविंद, हंसराज, कमलेश, पवन और प्रवेश का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार बेड की सिल्ट ही नहीं, बल्कि नहर की मूल मिट्टी तक निकाल रहे हैं। इससे नहर की संरचना और जल प्रवाह पर गंभीर असर पड़ सकता है, बावजूद इसके न तो मेट और न ही अन्य जिम्मेदार अधिकारी मौके पर रोकथाम करते नजर आए।
सूत्रों का कहना है कि नहर के अंदरूनी हिस्से की खुदाई न केवल अवैध है बल्कि यह भविष्य में सिंचाई तंत्र को नुकसान पहुँचा सकती है। विभाग स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई न होने से ठेकेदारों के हौसले और बढ़ रहे हैं।
इस संबंध में एसडीएम कार्तिकेय का कहना है कि शिकायत प्राप्त हुई है। यदि जांच में मानकों के विपरीत खोदाई पाई जाती है तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।