अमर भारती : दिल्ली में पड़ रही तेज गर्मी ने अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसी के चलते अब हर दिन बिजली की भी मांग बढ़ रही है। सोमवार दोपहर बाद 3:29 बजे बीएसईएस और टाटा पावर इलाके में 7 हजार मेगावाट से भी अधिक डिमांड पहुंच गई। दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बिजली की मांग 7241 मेगावाट तक पहुंची। पिछले साल अधिकतम डिमांड 7016 मेगावाट तक पहुंची थी। इस साल अधिकतम 7400 मेगावाट बिजली की मांग का अनुमान लगाया गया है। इसकी पूर्ति के लिए अन्य राज्यों के साथ भी बिजली कंपनियों ने करार किया है।
बिजली कंपनियों के अधिकारियों का कहना है दिल्ली वाले 2002 के मुकाबले 2019 में 250 प्रतिशत अधिक बिजली की खपत कर रहे हैं। 2002 में महज 2879 मेगावाट बिजली की खपत पूरी दिल्ली में थी।
पिछले साल 10 जुलाई को बिजली की अधिकतम मांग 7016 मेगावाट तक पहुंची। 2017 में डिमांड 6526 मेगावाट थी। यह राजधानी में बिजली वितरण और संचारण प्रणाली की मजबूती को बताती है।
गौरतलब है कि अगर बारिश में देरी हुई तो बिजली की मांग अगस्त तक बढ़ी रहेगी। 12 जून को राजधानी में बिजली का पीक डिमांड 6904 मेगावाट स्तर तक पहुंची थी तो 10 जून को पीक डिमांड 6632 मेगावाट स्तर तक पहुंची। 2 जून को बिजली की मांग 6396 मेगावाट स्तर तक पहुंची थी।
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