नई दिल्ली। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट सामने आई है , जिससे पता चला है कि भारत में 2011 से 2015 तक और 2016 से 2020 तक के बीच हथियारों के आयात में 33 फीसदी की कमी आई। ख़ास बात यह है कि अमेरिका से भी भारत में हथियारों के आयात में 46 फीसदी की कमी आई।
घरेलू रक्षा उद्योग पर भारत का ध्यान केंद्रित
सरकार द्वारा घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और 2025 तक लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये के रक्षा कारोबार का लक्ष्य रखा है।
रूस-चीन के निर्यात में कमी
सिपरी की रिपोर्ट के अनुसार रूस और चीन दोनों के हथियार निर्यात में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन द्वारा हथियारों के निर्यात में 2016 से 2020 के दौरान 7.8 फीसदी की कमी आई है।
रक्षा क्षेत्र में निर्भरता कम
सिपरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियारों के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में अमेरिका शामिल है और 2011 से 2015 तक और 2016 से 2020 तक के दौरान उसका हथियारों का निर्यात 32 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी हो गया। बीते कुछ वर्षों में भारत ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं ताकि रक्षा खरीद पर निर्भरता कम हो सके।