राज्यमंत्री ने लिया प्रमुख बंदरगाहो के अस्पतालों की तैयारियों का जायजा
नई दिल्ली। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख लाल मंडाविया ने कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर प्रमुख बंदरगाहो के अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्षों ने बैठक में कोविड देखभाल समर्पित प्रबंधन के लिए अस्पतालों की स्थिति से अवगत कराया।
वर्तमान में 9 अस्पताल संचालित
वर्तमान में, देश भर में 12 प्रमुख बंदरगाह कोविड देखभाल के लिए समर्पित 9 अस्पताल संचालित कर रहे हैं। विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट, चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, जेएन पोर्ट ट्रस्ट, दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (इससे पहले कांडला पोर्ट) इन अस्पतालों का संचालन कर रहे हैं। यह अस्पताल कुल 422 आइसोलेशन बेड, 305 ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड, 28 आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कुल क्षमता के साथ कोविड-19 रोगियों को देखभाल की सुविधा प्रदान करते हैं।
सीएसआर कोष का उपयोग कर बढ़ाएं क्षमताएं
केंद्रीय मंत्री ने प्रमुख बंदरगाहों के सभी अध्यक्षों को निर्देश दिया कि, वे सीएसआर कोष का उपयोग करके अपनी क्षमता और सुविधाओं में वृद्धि करे और आने वाले दिनों में उन्हें हर संभव प्रयास के साथ शीघ्र क्रियाशील बनाने का काम तेज़ी से करें। श्री मंडाविया ने सभी अध्यक्षों को सभी प्रमुख बंदरगाहों पर व्यक्तिगत रूप से चिकित्सा ऑक्सीजन से संबंधित मालवाहक वाहनों की निगरानी और कुशल संचालन करने के निर्देश दिए।
एकजुट होकर महामारी से लड़ेंगे
श्री मंडाविया ने अपने समापन भाषण में कहा, “भारत इस समय अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है और हमें हर संभव प्रयास के साथ अपने बंदरगाहों के अस्पतालों की क्षमता का उपयोग करके संकट के इस समय में देश के लिए योगदान देना चाहिए। हम सभी प्रमुख बंदरगाहों के निरंतर और एकजुट प्रयासों के साथ इस महामारी से लड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”