नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के आरोपों और अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर बयान जारी किया। अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि, भारत अफगानिस्तान शांति बहाली के सभी प्रयासों का समर्थन करता है और भारत अफगानिस्तान के पुनर्निमाण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि इसके लिए भारत क्षेत्र के सभी देशों और पक्षकारों के साथ लगातार सम्पर्क में हैं।
चीन के कारण सीमा क्षेत्रों में प्रभावित हुई शांति
चीन के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, यह सभी जानते हैं कि पिछले एक साल से चीन की गतिविधियों के कारण सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 1993 और 1996 में हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है। इन समझौतों में यह साफ किया गया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के सैनिकों की तैनाती बहुत कम रहेगी।
अफगानिस्तान में कई परियोजनाओं में किया सहयोग
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा अफगानिस्तान में भारत की भूमिका पर की गई टिप्पणी के जवाब में उन्होंने कहा कि, यह अफगानिस्तान की जनता तय करेगी कि उनका सहयोगी कौन होगा? उन्होंने कहा कि, भारत ने अफगानिस्तान में बिजली, बांध, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएं, सड़क और सामुदायिक परियोजनाओं में सहयोग किया है पर दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने वहां क्या किया है।
जी-7 बैठक में पीएम ने कोविड अनुभवों को साझा करने का रखा प्रस्ताव
कोविन एप की जानकारी संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में अरविंद बागची ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण कोविन एप की जानकारी साझा करने के लिए सहयोगी देशों के साथ एक कार्यक्रम आयोजित करने वाला है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में आयोजित जी-7 बैठक में कोविड संक्रमण का पता लगाने और टीका प्रबंधन के बारे में भारत के अनुभवों को साझा करने का प्रस्ताव किया था।