इन्वेस्ट यूपी की जर्मन डेस्क ने विदेशी निवेश लाने के लिए बर्लिन स्थित भारतीय दूतावास के साथ की रणनीतिक बैठक

लखनऊ, 16 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश गंतव्य बनाने, विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने और औद्योगिक सहयोग व प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन्वेस्ट यूपी की जर्मनी डेस्क ने बर्लिन स्थित भारतीय दूतावास के साथ एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने की।

बैठक में जर्मनी में भारतीय दूतावास के द्वितीय सचिव दीपक सिंह रंधावा ने आश्वासन दिया कि दूतावास आगामी निवेश रोडशो और बी2बी कार्यक्रमों में पूर्ण सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि जर्मन उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों और एसएमई क्लस्टर्स के साथ तालमेल बढ़ाने से उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाएं और अधिक मजबूत होंगी।

चौधरी ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक मजबूती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में विशाल एक्सप्रेसवे नेटवर्क, सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, निवेशक-अनुकूल नीतियां और बड़ा उपभोक्ता बाजार मौजूद है। उन्होंने फॉर्च्यून ग्लोबल इंडिया-500 निवेश प्रोत्साहन नीति 2023, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स पॉलिसी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी जैसी पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एफडीआई नीति के तहत भूमि पर 75% तक सब्सिडी, पूंजीगत व्यय सहायता और अन्य वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे उत्तर प्रदेश भारत का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बन रहा है।

बैठक के दौरान कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business) को और बेहतर बनाने पर चर्चा हुई। साथ ही ऑटोमोटिव, डिफेंस, एयरोस्पेस, मेडटेक, बायोटेक्नोलॉजी, ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ।

दोनों पक्षों ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक संयुक्त कार्ययोजना पर सहमति जताई। इस योजना में ऑनलाइन निवेशक संवाद, प्रतिनिधिमंडलों का आदान-प्रदान और अंतरराष्ट्रीय निवेश मंचों पर मिलकर काम करने जैसी पहल शामिल है।

इन्वेस्ट यूपी ने दूतावास को भरोसा दिलाया कि वह उन्हें क्षेत्र-विशेष निवेश अवसरों से जुड़ी जानकारी, जीआईएस आधारित लैंड बैंक और नीतिगत दस्तावेज उपलब्ध कराता रहेगा।