गाय-भैंस बनेंगी सरोगेट मदर, आईवीआरआई में टेस्ट ट्यूब भ्रूण का सफल प्रत्यारोपण

गाय-भैंस बनेंगी सरोगेट मदर (ai image)

बरेली, 13 जुलाई। उत्तर भारत के प्रमुख पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) ने पशु विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यहां के वैज्ञानिकों ने पहली बार गाय और भैंस की कोख में टेस्ट ट्यूब भ्रूण का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया है। यह प्रयोग पशुधन सुधार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जिससे नस्ल सुधार और दूध उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की संभावनाएं बन रही हैं।

आईवीआरआई में टेस्ट ट्यूब भ्रूण का सफल प्रत्यारोपण (ai image)

आईवीआरआई के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए 7 टेस्ट ट्यूब भ्रूण को चुनिंदा गायों और भैंसों की कोख में प्रत्यारोपित किया गया है। इसमें से भैंस को 9 महीने बाद और गाय को 7 महीने बाद टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म देने की संभावना है। यह प्रयोग पूरी तरह से वैज्ञानिक विधियों पर आधारित है, जिसमें कृत्रिम रूप से निषेचित भ्रूण को एक स्वस्थ और अनुकूल पशु की कोख में प्रत्यारोपित किया गया है।

मुख्य उद्देश्य बेहतर नस्ल के पशु तैयार करना – AI image

इस तकनीक के पीछे मुख्य उद्देश्य बेहतर नस्ल के पशु तैयार करना, दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाना और कमजोर नस्ल को खत्म किए बिना सुधार लाना है। आमतौर पर देसी नस्लों में उत्पादन क्षमता कम होती है, लेकिन उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। दूसरी ओर विदेशी नस्लों का उत्पादन ज्यादा होता है, पर वे भारतीय जलवायु के अनुकूल नहीं होतीं। ऐसे में टेस्ट ट्यूब तकनीक दोनों का संयोजन करके बेहतर परिणाम दे सकती है।

आईवीआरआई के निदेशक और प्रमुख वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रयोग अगर सफल होता है तो यह भारत में पशु प्रजनन तकनीक की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस तकनीक के जरिये अब कोई भी किसान या डेयरी मालिक श्रेष्ठ नस्ल की गाय या भैंस प्राप्त कर सकता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

इस प्रयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त वैज्ञानिकों की टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों का प्रयोग किया। भ्रूण विकास, निषेचन और प्रत्यारोपण की पूरी प्रक्रिया सख्त निगरानी और वैज्ञानिक विधि के अनुसार की गई।

गौरतलब है कि आईवीआरआई पहले भी पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, क्लोनिंग और टीकाकरण के क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियां दर्ज कर चुका है। लेकिन यह पहली बार है जब गाय और भैंस दोनों में एक साथ टेस्ट ट्यूब भ्रूण प्रत्यारोपण किया गया है।

यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो भविष्य में यह तकनीक व्यावसायिक स्तर पर डेयरी उद्योग और पशुपालन को नई दिशा दे सकती है। किसानों को लाभ देने वाली यह पहल देश में पशुधन विकास की दिशा में वैज्ञानिक क्रांति का संकेत मानी जा रही है।