रिपोर्ट – अभिषेक शुक्ला

जौनपुर (खुटहन)।मुजुक्कीपुर गांव में संचालित गोशाला में गोवंशीय पशुओं की दुर्दशा ने पशु प्रेमियों और ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है। पचास गोवंशों की क्षमता वाली इस गोशाला में 152 गोवंश ठूंसे गए हैं, जिसके कारण न केवल देखभाल प्रभावित हो रही है बल्कि भूख, बीमारी और बदहाली से उनकी लगातार मौतें हो रही हैं।
जमीन कीचड़ से सनी है, गोवंशीय पशु सूखा भूसा खाकर दिन काट रहे हैं। हरा चारा और चूनी-चोकर सिर्फ कागजों पर उपलब्ध हैं, हकीकत में पशुओं की नाद में केवल सूखा भूसा पड़ा मिला। निरीक्षण के दौरान चार गोवंश मरणासन्न अवस्था में पाए गए।
स्थानीय लोगों ने खुलासा किया कि यहां लगातार पशु मर रहे हैं, जिनके शवों को चुपचाप बगल की जमीन में दफन कर दिया जा रहा है। पशुओं की देखरेख के लिए नियुक्त मातादीन गुप्ता, दीपक गौतम और हरिशंकर यादव मौके पर मौजूद तो थे, लेकिन भूसे से भरे कमरे का दरवाजा तक खोलने से इंकार कर दिया गया।
इस संबंध में जब प्रभारी खंड विकास अधिकारी जितेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मामला बेहद गंभीर है, हम मौके पर निरीक्षण कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”
यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि उन नीतियों की पोल भी खोलता है जो कागज़ों में पशु कल्याण का दावा करती हैं।