
लखनऊ, उत्तर प्रदेश। सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के एक जस्टिस और टोल बूथ कर्मचारी के बीच तीखी बहस होती दिखाई दे रही है। मामला वर्ष 2020 का है, लेकिन अब यह घटना फिर सुर्खियों में आ गई है।
यह विवाद बरेली से मुरादाबाद हाईवे टोल प्लाज़ा पर हुआ, जहां जस्टिस साहब अपने न्यायिक दर्जे का हवाला देते हुए बिना टोल शुल्क दिए गुजरने की कोशिश करते हैं। लेकिन टोल बूथ पर तैनात कर्मचारी ने न उनकी बात मानी, न रुतबा देखा, बल्कि उन्हें कानून के नियमों का हवाला देकर कानूनी सिद्धांतों पर ही लेक्चर दे डाला।
दोनों के बीच काफी देर तक बहस चलती रही, जिससे टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति बन गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि जस्टिस साहब अपने विशेषाधिकारों की बात करते हैं, जबकि कर्मचारी बार-बार कानून की समानता और भुगतान की आवश्यकता पर जोर देता है। आखिरकार टोल कर्मचारी ने जस्टिस से 80 रुपये का टोल वसूल लिया।
यह वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर टोल कर्मचारी की जमकर तारीफ हो रही है। यूज़र्स ने कहा कि उसने कानून के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और निडरता से लोकतंत्र की सच्ची तस्वीर पेश की है। वहीं, जस्टिस साहब के व्यवहार पर कई लोगों ने सवाल भी खड़े किए हैं, कि क्या कानून सभी के लिए बराबर नहीं होना चाहिए?
यह घटना सिर्फ एक बहस नहीं, बल्कि सिस्टम, जवाबदेही और कानूनी बराबरी को लेकर समाज में एक महत्वपूर्ण संवाद भी खड़ा करती है।