जंगल में मंगल: ग्रामीणों ने किया दंगल, भ्रष्टाचार की जांच में डीडीओ पहुंचे तो खुली पोल

हरदोई/टोडरपुर।विकासखंड टोडरपुर एक बार फिर भ्रष्टाचार की खबरों को लेकर सुर्खियों में है। ग्राम पंचायत अन्तोरा में अनियमितताओं और सरकारी धन की हेराफेरी के आरोपों के बीच मंगलवार को जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) ने स्थलीय जांच की। जैसे ही जांच शुरू हुई, ग्रामसभा में ग्रामीणों ने खुलकर भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करना शुरू कर दिया। नतीजतन, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और पंचायत सहायक के पसीने छूट गए।

ग्रामीणों के मुताबिक, पंचायत में हुए अधिकांश कार्य सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। तालाब खुदाई, नल रिपेयरिंग, ड्रेन सफाई और नाली मरम्मत जैसे कार्य धरातल पर कहीं नहीं दिखे। जांच के दौरान जब अधिकारी तालाब स्थल पर पहुंचे तो वहां सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं मिला। तालाब के चारों ओर झाड़ियां उगी थीं और पानी में सिंघाड़े की फसल लगी हुई थी, जिससे भ्रष्टाचार की बू साफ महसूस हो रही थी।

शिकायतकर्ता द्वारा पहले खंड विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और यहां तक कि जिलाधिकारी को भी प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन जब कोई निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने उप लोकायुक्त के यहां वाद दायर किया। उप लोकायुक्त ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को जांच का आदेश दिया, जिसके बाद डीडीओ ने 28 अक्टूबर 2025 को अन्तोरा गांव में जांच की।

जांच के दौरान ग्रामीणों ने आरसीसी मरम्मत, नाली निर्माण, चकरोड मरम्मत और नल रिवोरिंग जैसे कार्यों में जमकर गड़बड़ियां उजागर कीं। कई कार्य ऐसे मिले जो केवल रिकॉर्ड में पूरे दिखाए गए थे, जबकि वास्तविकता में धरातल पर कुछ भी नहीं किया गया। विरोध और नोंकझोंक के बीच अधिकारी भी ग्राम प्रधान और सचिव का पक्ष लेते नजर आए, जिससे ग्रामीण और अधिक नाराज़ हो गए।

ग्रामीणों ने व्यंग्य करते हुए कहा कि टोडरपुर ब्लॉक को “सबसे अधिक भ्रष्टाचार करने वाला विकासखंड” घोषित कर देना चाहिए, क्योंकि यहां हर जांच में करोड़ों रुपए की अनियमितताओं के मामले उजागर होते हैं, मगर कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं होती।