कफ सिरप तस्करी केस: STF का बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार, सरेंडर की कोशिश नाकाम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस को कफ सिरप की अवैध तस्करी केस में बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से फरार चल रहा आरोपी और एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह आखिरकार लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी लगातार बढ़ते दबाव, खुफिया इनपुट और पुलिस की सटीक रणनीति के चलते संभव हुई। गिरफ्तारी को तस्करी के संगठित नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।

कफ सिरप तस्करी मामले का खुलासा होने के बाद आलोक प्रताप सिंह का नाम सामने आया था। आरोप है कि वह इस रैकेट की कई अहम गतिविधियों से जुड़ा हुआ था। जांच में उसका रोल मिलने के बाद उसे एसटीएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। पुलिस ने उस पर लुकआउट नोटिस जारी किया था और गैर-जमानती वारंट भी हासिल कर लिया था। उसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

सूत्रों के अनुसार, आलोक सिंह पिछले कुछ दिनों से सरेंडर करने की तैयारी में था। वह अदालत के माध्यम से आत्मसमर्पण की संभावना तलाश रहा था। लेकिन एसटीएफ को उसके मूवमेंट की पुख्ता जानकारी मिल चुकी थी। खुफिया टीम लगातार उसकी लोकेशन पर नजर रख रही थी। जैसे ही वह लखनऊ में संदिग्ध गतिविधियों में दिखाई दिया, एसटीएफ ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

कफ सिरप तस्करी का यह मामला उस समय प्रमुखता से सामने आया था जब दवाइयों के नाम पर नशे का कारोबार चलाने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ। तस्कर बड़ी मात्रा में कफ सिरप की बोतलें खरीदकर उन्हें दूसरे राज्यों और सीमावर्ती इलाकों में सप्लाई करते थे। इस पूरे नेटवर्क में कई स्थानों पर हेल्थ और सुरक्षा से जुड़े लोगों के नाम भी उभरे थे। इसी कड़ी में आलोक प्रताप सिंह की भूमिका गंभीर मानी गई, जिसके बाद उसके खिलाफ शिकंजा कसना शुरू हुआ।

गिरफ्तारी के बाद आलोक से पूछताछ की जा रही है। पुलिस उसके बैंक लेनदेन, मोबाइल लोकेशन, संपर्क सूत्रों और पिछले महीनों में उसके संभावित गुप्त ठिकानों की जांच कर रही है। अधिकारी मानते हैं कि आलोक इस रैकेट में एक अहम कड़ी था, जिसकी जानकारी से नेटवर्क की कई परतें खुल सकती हैं। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को अन्य आरोपियों तक पहुंच बनाने में भी मदद मिलेगी।

एसटीएफ की इस कार्रवाई को कफ सिरप तस्करी नेटवर्क के खिलाफ बड़ा झटका माना जा रहा है। जांच एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस केस में और नाम सामने आने की संभावना है। राज्य पुलिस ने संकेत दिए हैं कि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आगे भी अभियान जारी रहेगा।