जिग्नेश मेवाणी भी है कांग्रेस पार्टी के संपर्क में
नई दिल्ली। पिछले दो वर्षों में एक के बाद एक युवा चेहरे का कांग्रेस पार्टी छोड़ किसी दूसरे दल में शामिल होने का सिलसिला पार्टी के लिए काफी गहरा घाव मालूम पड़ता है। जिससे उभरने के लिए अब पार्टी ने हाथ पांव मारने शुरू कर दिए हैं। दरअसल जानकारी के मुताबिक पता चला है कि सीपीआई के मौजूदा नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने दो दिन पहले राहुल गांधी से मुलाकात की। मुलाकात का सीधा निष्कर्ष कन्हैया कुमार का कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से लगाया जा रहा है। साथ ही कांग्रेस कुछ समय से गुजरात के दलित नेता व वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ भी संपर्क में है। जिससे साफ होता है कि बीते दो वर्षों में पार्टी के युवा नेताओं जिनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद भी शामिल है का कांग्रेस छोड़ कर जाने के नुकसान की भरपाई करनी शुरू कर दी है।
सत्ताधारी भाजपा से दोनो नेताओं की है ठनी
कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी दोनों युवा नेताओं की छवि भाजपा की विचारधारा से बिल्कुल उलट की है। जेएनयू छात्रसंघ पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तो हमेशा से ही प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर हमलावर रहते हैं। साथ ही राजद्रोह के मुकदमे पर जेल जाने वाले कन्हैया ने जेल से बाहर आने के बाद खुद पर हुई कार्रवाई का सीधा आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर लगाया था।
युवा नेता और कांग्रेस दोनों विलोम शब्द
पिछले दो वर्षों से कांग्रेस पार्टी और युवा नेता एक दूसरें के विपरीत बहने वाली धारा नज़र आते हैं। पार्टी के युवा नेताओं और पार्टी के बीच में जो दूरी है वह है भाजपा। यह कहना शायद इसलिए भी गलत नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी के मज़बूत युवा नेता और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद दोनों ही पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। बताना होगा कि पार्टी में बीते दो वर्षों में चार ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद और प्रियंका चतुर्वेदी जैसे युवा नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। जिसके बाद राहुल गांधी के पास मुख्य युवा नेता के चेहरे के तौर पर अब सिर्फ सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा हैं। लेकिन देखना यह होगा कि यह दोनों भी पार्टी के साथ कितनी दूर तक जाते हैं।