
कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने विज्ञान पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। विज्ञान का दावा है कि दुनिया में दो व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट और रेटिना कभी एक जैसे नहीं हो सकते, लेकिन कानपुर के नौबस्ता निवासी पवन मिश्रा के जुड़वां बेटों—प्रबल और पवित्र—के बायोमीट्रिक रिकॉर्ड इस दावे को चुनौती दे रहे हैं।
बताया जा रहा है कि दोनों बच्चों के फिंगरप्रिंट और रेटिना पैटर्न बिल्कुल एक जैसे हैं। यह घटना किसी चमत्कार से कम नहीं मानी जा रही, क्योंकि दुनिया में ऐसा मामला पहले कभी दर्ज होने की जानकारी नहीं है।
बच्चों के पिता पवन मिश्रा के अनुसार, दोनों बेटों के बायोमीट्रिक पैटर्न हमशक्ल होने के कारण आधार कार्ड अपडेट कराने में भारी दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि जब वे एक बच्चे के आधार में बायोमीट्रिक अपडेट कराते हैं, तो दूसरा बच्चा सिस्टम में स्वतः निरस्त हो जाता है।
वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस मामले को भारत में अत्यंत दुर्लभ और संभवतः पहला बताते हैं। उनका कहना है कि सामान्य स्थिति में जुड़वां बच्चों के फिंगरप्रिंट 55% से 74% तक मिल सकते हैं, लेकिन शत-प्रतिशत समान होना रिसर्च का विषय है और विज्ञान के स्थापित सिद्धांतों पर सवाल खड़ा करता है।
यह मामला न केवल तकनीकी चुनौती है, बल्कि वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक अनोखी पहेली भी बन गया है।
हालाँकि यह तकनीकी खामी है, जिसे बायोमीट्रिक मिक्सिंग कहते हैं। जांच के बाद यह खामी पकड़ में आई और दूसरे बेटे का रेटिना व फिंगरप्रिंट लेकर आधार कार्ड अपडेट करवा दिया गया है। पवित्र और प्रबल के रेटिना और फिंगरप्रिंट एक नहीं हैं।