नई दिल्ली। पिछले 9 महीनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन की एक शाखा अब करनाल पहुंच चुकी है। करनाल में किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है। 28 अगस्त को हुई लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने करनाल में मिनी सचिवालय का घेराव कर रखा है। किसानों की मांग है कि पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई हो। गौरतलब है कि बुधवार दूसरे दिन भी प्रशासन के साथ किसानों की वार्ता विफल रही। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि प्रशासन उनकी बात मानने के लिए तैयार नहीं है। दो दिनों की विफल बातचीत के बाद भी आज सरकार की तरफ से किसानों का बात-चीत का कोई निमंत्रण नहीं मिला।
पिछले 12 वर्षों में गेहूं के MSP सबसे कम बढ़ोतरी
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी यह मांग पूरी नहीं करेगी, तब तक करनाल में भी वह धरना जारी रखेंगे। किसानों के इस धरने के बीच केंद्र सरकार ने कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। सरकार ने बुधवार को चालू फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. इसके अलावा सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। मोदी सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2.03% की वृद्धि की है जो कि पिछले 12 वर्षों में सबसे कम बढ़ोतरी है। जबकि महंगाई के बढ़ने का दर 5-6 % अनुमानित है।
करनाल में आज भी इंटरनेट सेवाएं बंद
करनाल में 28 अगस्त को किसानों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर इस महापंचायत का आयोजन किया गया। मंगलवार को महापंचायत से पहले ही शहर में सख्त प्रबंध देखने को मिले। मिनी सचिवालय के बाहर पुलिस तैनात है। लगातार तीसरे दिन आज करनाल में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।
किसानों की मांग
किसानों की मांग है कि सिर फोड़ देने वाले बयान देने वाले पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। साथ ही जिन किसानों को लाठीचार्ज के दौरान नुकसान हुआ उन्हें मुआवजा दिया जाए। किसान यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं होगी करनाल में धरना जारी रहेगा।