हरियाणा सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच सहमति
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नई दिल्ली। हरियाणा के करनाल में लघु सचिवालय का घेराव कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों और खट्टर सरकार के बीच शनिवार को चार घंटे चली लंबी बातचीत के बाद सहमति बन गई। जिससे तीन दिन बाद अनिश्चितकालीन धरने के आगे से ‘अ’ शब्द हट गया। दरअसल ‘सिर फोड़ने’ का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग व बीते 28 अगस्त को लाठीचार्ज के दौरान घायल हुए किसानों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों की हरियाणा सरकार के साथ तीन दौर की बातचीत के बाद शनिवार को चौथे दौर की बातचीत में सहमति बन गई।
एसडीएम की हुई छुट्टी
हरियाणा सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच बनी सहमति में यह तय हुआ कि हरियाणा की खट्टर सरकार एक रिटायर्ड जज की अगुआई में एक जाँच कमेटी गठित करेगी, जो 28 अगस्त को करनाल में किसानों पर हुई पुलिस कार्रवाई पर अपनी रिपोर्ट देगी। सिर फोड़ने का आदेश देने वाले करनाल के तत्कालीन सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की इसमें भूमिका की भी जांच की जाएगी। साथ ही इस जांच रिपोर्ट के आने तक आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
घायल किसानों को मिलेगा मुआवजा
सरकार ने यह भी कहा है कि 28 अगस्त के लाठीचार्ज के बाद जिस किसान की मौत हुई थी, उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसी तरह बस्तारा टोल प्लाज़ा पर हुए लाठीचार्ज में जिस किसान की मौत हुई थी, उसके एक परिजन को भी सरकारी नौकरी मिलेगी।