
हरदोई।मल्लावां क्षेत्र के प्रसिद्ध बिरिया घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मां गंगा के जयकारों और भजन-कीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। ऐतिहासिक रूप से पांच दिन तक चलने वाला बिरिया घाट का यह मेला इस बार भी श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक सौहार्द का अद्भुत संगम बनकर सामने आया।
जानकारी के अनुसार, यह परंपरा पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से अनवरत जारी है। पहले जब न तो पक्की सड़कें थीं और न ही संसाधन, तब भी लोग बैलगाड़ियों, साइकिलों और पैदल चलकर गंगा तट तक पहुंचते थे। वे पांच दिन तक वहीं रुककर गंगा स्नान, भजन-कीर्तन और सत्संग में लीन रहते थे। आज यह मेला राजकीय मेला घोषित है, जिसमें प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा, सफाई, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जाती है।
गंगा तट पर दो विशाल पंडालों में मां गंगा की आरती और भजन-कीर्तन पांच दिनों तक अनवरत जारी रहे। अनेक समाजसेवी संगठनों और स्थानीय समितियों ने भंडारे का आयोजन किया और महिलाओं के लिए कपड़े बदलने हेतु छोटे-छोटे कॉटेज भी बनाए गए।
सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन ने बखूबी निभाई।
एसडीएम बिलग्राम को मेला प्रभारी बनाया गया था, जिन्होंने अपनी टीम के साथ मेले को सुचारू रूप से संचालित किया। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने लगातार मॉनिटरिंग की, जबकि थाना प्रभारी शिवाकांत पांडे स्वयं सड़क पर उतरकर ट्रैफिक व्यवस्था संभालते नजर आए।
नगर पालिका मल्लावां ने घाट पर स्वच्छता की पूरी व्यवस्था संभाली, वहीं सीएचसी मल्लावां के डॉक्टर संजय सिंह ने स्वास्थ्य शिविर लगाकर टीम सहित सतत सेवाएं दीं। पुलिस ने ड्रोन, वॉच टावर और जल पुलिस के माध्यम से सतर्कता बरती।
आस्था और श्रद्धा के इस सैलाब के बीच मेला सकुशल और शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। समाचार लिखे जाने तक सभी श्रद्धालु सुरक्षित अपने घरों को लौट चुके थे।