एडीएम की अध्यक्षता में अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न, दोषियों को सख्त सजा दिलाने पर जोर

लखीमपुर खीरी, देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नरेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले के लंबित आपराधिक वादों, साक्षियों की उपस्थिति, दोषमुक्त मामलों की अपील प्रक्रिया तथा अभियोजन की गुणवत्ता पर विशेष चर्चा हुई।

एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह ने अभियोजन अधिकारियों को निर्देशित किया कि गंभीर अपराधों में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कर दोषियों को कठोर सजा दिलाई जाए, जिससे अपराधियों में कानून का भय बना रहे। उन्होंने कहा कि “यह संदेश जाना चाहिए कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी सजा अवश्य होगी।”

बैठक में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायालय में पेश होने वाले गवाहों की 100 प्रतिशत परीक्षित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, और जो वाद दोषमुक्त हुए हैं उनमें नियमानुसार अपील की कार्यवाही अनिवार्य रूप से की जाए।

डीएम द्वारा दिए गए निर्देशों को दोहराते हुए एडीएम ने कहा कि समन तामीली समयबद्ध हो, अकारण साक्षियों की वापसी न हो, तथा अधिकतम साक्षियों को न्यायालय में परीक्षित कराया जाए। इससे विचाराधीन मामलों में अभियोजन की सफलता दर बढ़ेगी और लम्बित मुकदमों का शीघ्र निस्तारण संभव होगा।

बैठक में अभियोजन विभाग के संयुक्त निदेशक, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी, अभियोजन अधिकारी, सहायक अभियोजन अधिकारी, जिला शासकीय अधिवक्ता (क्रिमिनल), विशेष लोक अभियोजक, एडीजीसी (क्रिमिनल) एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने लंबित मामलों की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की तथा न्याय प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने सुझाव भी साझा किए।