
सिंगाही, खीरी। जिले के सिंगाही से नौरंगाबाद जाने वाली सड़क पर शनिवार शाम से हो रही लगातार बारिश के चलते रविवार को एक बड़ा हादसा टलते-टलते रह गया। तेज बहाव वाले पानी ने सड़क के एक हिस्से को काटते हुए तीन से चार फीट गहरा गड्ढा बना दिया है, जिससे किसी भी समय भारी वाहन के फंसने या सड़क धंसने की आशंका बन गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यह सड़क पहले से ही जर्जर हालत में थी और लंबे समय से इसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण की मांग की जा रही थी। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते सड़क की हालत लगातार बिगड़ती रही। अब बारिश के पानी से बनी कटान और गड्ढे ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
सड़क का यह हिस्सा खासतौर पर रात के समय जानलेवा बन गया है, क्योंकि गड्ढा स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता और भारी वाहन साइड देते वक्त उसमें फंस सकते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि एक पूरी साइड की सड़क टूट चुकी है, जिससे आवागमन में लगातार खतरा बना हुआ है।
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व इस मार्ग का निर्माण गन्ना परिषद द्वारा किसानों के अंशदान से कराया गया था। लेकिन अब गन्ना परिषद किसानों से अंशदान नहीं लेती, जिसके चलते इस मार्ग की जिम्मेदारी सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) की मानी जा रही है।
इस बीच विभागीय भ्रम और जिम्मेदारी को लेकर भी असमंजस की स्थिति सामने आई है। PWD विभाग के जेई जे.आर. नागर का कहना है कि “सिंगाही-नौरंगाबाद रोड अभी तक गन्ना परिषद के अधीन है और परिषद ने इसे PWD को हस्तांतरित नहीं किया है।”
वहीं दूसरी ओर CCO बेलरायां का स्पष्ट बयान है कि “गन्ना परिषद के अधीन सभी सड़कों को तीन वर्ष पहले ही सार्वजनिक निर्माण विभाग को स्थानांतरित किया जा चुका है।”
स्थानीय नागरिकों और किसानों में इस गैरजिम्मेदाराना रवैये को लेकर भारी रोष है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते गड्ढे की मरम्मत नहीं कराई गई तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल गड्ढे की मरम्मत की जाए और पूरे मार्ग का निरीक्षण कर ठोस पुनर्निर्माण की योजना बनाई जाए।
यह मार्ग न केवल किसानों के आवागमन के लिए बल्कि ग्रामीणों के रोज़मर्रा के जीवन के लिए भी बेहद अहम है। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही और जिम्मेदारी टालने का खेल किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे सकता है।