नई दिल्ली। आज के दिन यानी हर साल 21 सितंबर को पुरे विश्वभर मे अल्जाइमर रोग दिवस मानाया जाता है, और आज के दिन जाने इस से सम्बंधित जानकारीया जैसे कि इस के लक्षण और बाचव के तरीके। इसका नाम अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया है, जिन्होंने सबसे पहले इसका विवरण दिया था।
अल्जाइमर रोग क्या है?
आसान शब्दो मे अल्जाइमर रोग एक भूलने का रोग है और इस मे याददाश्त की कमी हो जाती है। जिस वजह से यह आपके ना तो केवल सामाजिक बल्कि साथ ही पारिवारिक समस्याओं को भी बड़ा देता है। विश्रान मे इतना आगे बड़ जाने के बाद भी अमूमान 60 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है। यह बढ़ने वाला और खतरनाक दिमागी रोग है।
अल्जाइमर रोग का पता कैसे लगाए?
इनसान जैसे-जैसे बुडा होता है, उसके साथ-साथ उसके सोचने की क्षमता भी कम हो जाती है। अगर हम मामुली चीज़े जैसे की अखबार कँहा है यह भुल जाता है तो आम बात है, परंतु अगर आप यह भुल जाए की आप याँहा कैसे और क्यो आए है तो यह खतरनाक हो सकता है, और इसका जल्द इलाज़ करवाना जरुरी है, क्योकि इस के साथ-साथ इनसान को सामान्य कामकाज करने में कठिनाई, भाषा के साथ समस्या, समय और स्थान में असमन्वय, निर्णय लेने में कठिनाई या गलत निर्णय और व्यक्तित्व में बदलाव जैसी दिक्कते आ सकती है। शुरुआती तोर पर इसका ईलाज कराया जा सकता है, परंतु समय बीतने के साथ यह बीमारी बढ़ती है और खतरनाक हो जाती है।
अल्जाइमर के कारण
अल्जाइमर के कई कारण हो सकते है जैसे 85 साल से अधिक उर्म के व्यक्तियो मे यह देखा जा सकता है। इसका कारण पहले से सर पर चोट का हाना भी हो सकता है। हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धूम्रपान जैसे कार्डियोवस्कुलर जोखिम कारक इस रोग के शुरू होने का भी कारण हो सकते हैं।
अल्जाइमर रोग का इलाज़
वैसे तो अल्जाइमर रोग का कोई इलाज़ नही हैं, परंतु किसी अच्छे चिकित्सक से इलाज के बाद इसके लक्षण कम हो सकते है, और कुछ दवाईयो से भी काफी हद तक आराम मिल सकता है।