जानिए, अगले सीजेआई का ‘किसान से विधान तक’ का सफर

नई दिल्ली। देश के 47वें  मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे है। जिसके बाद बोबड़े ने अगले न्यायधीश के लिए एन.वी. रमन्ना का नाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सम्मुख रखा था। राष्ट्रपति ने अगले न्यायधीश के लिए एन.वी. रमन्ना को मंजूरी दे दी है।

24 अप्रैल को लेंगे शपथ

अगले न्यायधीश के रूप में एन.वी. रमन्ना 24 अप्रैल को शपथ ग्रहण करेगें। बता दें कि 2014 में न्यायमूर्ति रमन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। हालांकि उनका कार्यकाल अब दो वर्ष से भी कम का बचा है। वह 26 अगस्त 2022 को रिटायर हो जाएंगे।

किसान परिवार में जन्मे रमन्ना

एन.वी. रमन्ना को भारत के 48 वें न्यायधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। इनका जन्म 27 अगस्त, 1957 को आंध्र प्रदेश राज्य के पोन्नवरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने विज्ञान और कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद 10 फरवरी, 1983 को उन्हें एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने कई दिनों तक न्यायालय में प्रैक्टिस भी की।

आंध्र प्रदेश के रहे मुख्य न्यायाधीश

वह भारतीय रेलवे सहित विभिन्न सरकारी संगठनों के लिए पैनल वकील थे और आंध्र प्रदेश राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी कार्यरत थे। वहीं 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति की गयी थी। जिसके बाद उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 के तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।

अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की अध्यक्षता

यही नहीं, जस्टिस रमन्ना ने भारत और विदेशों में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और सेमिनारों में भाग लिया और उसकी अध्यक्षता की। उन्होंने कानूनी महत्व के विभिन्न मुद्दों पर कई शोध पत्र लिखे हैं। ‘ग्लोबल लीगल एजुकेशन’ पर उनके सुझावों के लिए कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन बार द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में उनकी प्रशंसा की गई थी।

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