नई दिल्ली। कोरोना महामारी का संकट चल रहा है। ऐसे में वेतन कटौती की जा रही है जिससे सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वित्तीय लक्ष्य को हासिल करना बेहद मुश्किल हो रहा है।
कम आय में ही जरूरी खर्चों की चुनौती
एक तरफ तो कम आय में ही जरूरी खर्चों को पूरा करना और दूसरा निवेश को बिना बंद किए हुए जारी रखने की चुनौती है। निवशकों को अब तक पोर्टफोलियो में 60% इक्विटी औैर 40 फीसदी डेट रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कोरोना संकट में निवेश के पोर्टफोलियो के लिए परंपरागत नियम ज्यादा फायदेमंद नहीं रह गए हैं। साथ ही युवा निवेशकों के लिए भी यह कारगर बचा।
निवेशको को होगा लाभ
ऐसे वक्त में वित्तीय विशेषज्ञ 50:50 की रणनीति पर अब निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि बचत का 50 फीसदी शेयरों में और बाकी 50 फीसदी डेट विकल्पों में निवेश करना इस वक्त बेहतर है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे पोर्टफोलियो में संतुलन बना रहता है। विशेषज्ञो का ये भी कहना है कि 60:50 रणनीति की स्थिति में यदि शेयर बाजार में तेज उछाल आता है तो निवेशको को इससे काफी लाभ होता है, लेकिन इसके विपरीत जब गिरावट की स्थिति आती है तो ज्यादा नुकसान भी होता है। जबकि 50:50 रणनीति में एक संतुलन बना रहता है।
युवा 80 फीसदी निवेश कर सकते है।
विशेषज्ञ का कहना है कि युवा निवेशक 80 फीसदी निवेश शेयरों में कर सकते हैं जिससे लंबी अवधि में उससे मोटी कमाई हो सके। हालांकि दो से तीन साल में पूंजी की जरूरत हो तो ज्यादातर निवेश डेट विकल्प में निवेश करना चाहिए।