आपने हर मंदिर में घंटी तो देखी ही होगी, जिसे बजाने के बाद ही लोग मंदिर में प्रवेश करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मंदिर में आखिर घंटी क्यों लगाई जाती हैं।
घण्टी बजाने से जाग्रत होती चेतना
मंदिर में घंटी लगाने के वजह बेहद खास है। बता दें कि जब भी कोई भक्त मंदिर में सुबह-शाम आता है, तब पूजा-पाठ के दौरान घंटियां बजाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है। ऐसा करने से भक्त द्वारा की गई पूजा पहले से अधिक फलदायक हो जाती है।
सृष्टि के प्रारंभ का नाद है घण्टी
पुराणों के मुताबिक, मंदिर में घंटी बजाने से इंसान के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो नाद यानि आवाज गूंजी थी, वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। इसीलिए मंदिर में प्रवेश से पहले घंटी बजाई जाती है। साथ ही, इसीलिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी घंटी लगाई जाती है। जिससे देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत हो जाए।
काल का प्रतीक है घण्टी
इसके अलावा मंदिर के बाहर लगी घंटी को काल का प्रतीक भी माना जाता है। संत महात्माओं के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगी, उस समय भी घंटी बजाने जैसा ही नाद सुनाई देगा।
कम्पन से नष्ट हो जाते हैं विषाणु
बता दें कि मंदिर में घंटी बजाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन की सीमा में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे मंदिर और उसके आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
वातावरण रहता है शुद्ध
ऐसा माना जाता है कि जहां पर घंटी बजने की आवाज रोजाना आती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र रहता है। यह भी माना जाता है कि घंटी बजाने से नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती है और इंसान की जिंदगी में सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं।