नई दिल्ली। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस साल कृष्ण जन्मोत्सव दो दिन नही बल्कि एक ही दिन पूरे देश मे मनाया जा रहा हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
अपनी लीलाओं से कान्हा ने सबका मन मोहा
वासुदेव पुत्र श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता ने उनको अपने मित्र नंद के यहाँ लालन पालन के लिए छोड़ दिया था। जिससे वह अपने मामा कंस से सुरक्षित रख सके। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण में युगों-युगों से हमारी आस्था हैं। नटखट कान्हा ने अपनी चंचलता से सबका मन मोह लिया है। कान्हा को माखन चोर के नाम से भी जाना जाता है। गोकुल मे पले बडे नन्हे कान्हा ने बचपन से ही अपनी लीलाओ से सबका मन मोह लिया था। वह बालपन से ही पूरे गांव वासियों के प्रिय थे।
श्रीकृष्ण जन्म का महत्व
इस दिन व्रत रखने का बड़ा महत्व है। जन्माष्टमी का व्रत रखने से मनुष्य को सांसारिक सुख, सौंदर्य, आकर्षण, प्रेम, समृद्धि और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। दुकानों और बाजारों मे अभी से ऱोनक देखी जा रही है। लोगो ने श्रीकृष्ण जन्म को लेकर अभी से ही तैयारियाँ शुरू कर दी है। मथुरा वृंदरावन मे इसकी धूम अभी से ही देखी जा रही है। रक्षा बंधन के बाद से ही इस पर्व की तैयारी मथुरा से लेकर पूरे भारत में शुरू हो जाती हैं।