विद्यालय कक्षा कक्ष निर्माण में मानकों की अनदेखी के आरोप, घटिया सामग्री उपयोग का मामला आया सामने

लखीमपुर खीरी।
जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की सख्ती के बावजूद विकासखंड नकहा के अंतर्गत ग्राम पंचायत रंगीला नगर स्थित विद्यालय में कक्षा कक्ष निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी और घटिया सामग्री के प्रयोग का मामला सामने आया है, जो इन दिनों जनचर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय भवन का निर्माण कार्य प्रधानाध्यापिका की देखरेख में कराया जा रहा है, जिसमें खुलेआम सरकारी निर्माण मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

सूत्रों और ग्रामीणों के अनुसार निर्माण कार्य में प्रथम श्रेणी की ईंटों के स्थान पर दोम और पीली ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। यही नहीं, निर्माण में लगाए जा रहे मसाले की गुणवत्ता भी मानकों के अनुरूप नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरे भवन की नींव पीली ईंटों से भरवाई गई है, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका जताई जा रही है।

जब इस संबंध में ठेकेदार से जानकारी ली गई तो उसने साफ तौर पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उसका ठेका केवल मजदूर और मिस्त्री का है, सामग्री से संबंधित सवाल प्रधानाध्यापिका से किए जाएं। ठेकेदार का कहना है कि जैसी सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, उसी के अनुसार वह निर्माण कार्य कराता है।

ग्रामीणों ने बताया कि घटिया निर्माण को लेकर उन्होंने पहले भी विरोध दर्ज कराया था और ग्राम प्रधान द्वारा मानक के अनुसार निर्माण कराए जाने की हिदायत भी दी गई थी। इसके बावजूद निर्माण कार्य में सुधार नहीं किया गया और नींव में पीली ईंटों का प्रयोग जारी रखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा पूरे मामले की जांच कराई जाए और प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की परीक्षण कराया जाए, तो अधोमानक निर्माण की सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगी।

फिलहाल विद्यालय भवन निर्माण में मानकों की अनदेखी का यह मामला शिक्षा व्यवस्था और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है, और अब सबकी नजर प्रशासनिक जांच पर टिकी हुई है।