आपसी सुलह व सद्भाव से ही विकास संभव : ज़िला जज सैयद माउज़ बिन आशिम

लखीमपुर खीरी। ज़िला जज सैयद माउज़ बिन आशिम ने राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए कहा कि आपसी सुलह और सद्भाव से ही समाज का सशक्त विकास संभव है। इस अवसर पर विभिन्न अदालतों ने कुल 77,389 मामले सुलह, समझौता और जुर्म इकबाल के आधार पर निस्तारित किए।

विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव वीरेन्द्र नाथ ने बताया कि इस आयोजन में जिला जज सैयद माउज़ बिन आशिम ने सात मामले निस्तारित किए। वहीं अन्य न्यायाधीशों ने अलग-अलग संख्या में मामले निबटाए, जिनमें सीजेएम प्रमोद सिंह यादव ने 3,550, एसीजेएम रेनू यादव ने 1,113, एसीजेएम प्रदीप सिंह कुशवाहा ने 1,156, एसीजेएम किरण मिश्र ने 1,063 मामले निपटाए।

जिला जज ने मोटर वाहन एक्सीडेंट के मामलों में पीड़ित परिवारों की स्थिति को देखते हुए बीमा कंपनियों और रोडवेज अधिकारियों को अधिकाधिक मामलों को सुलह समझौता से निबटाने के निर्देश दिए। इसके चलते 110 मामलों में पीड़ित परिवारों को 6.87 करोड़ रुपए का मुआवजा मिला और 45 मामलों में 1.43 करोड़ रुपए की वसूली की गई। परिवार न्यायालय में भी 180 मामले सुलह समझौते से निपटाए गए, जिनमें एडीजे राहुल आनंद ने 104 मुकदमे और प्रधान न्यायाधीश भगवान दयाल भारती ने 76 मुकदमे निबटाए।

इस दौरान 66 दंपत्ति ने परिवारिक जीवन को साथ-साथ चलाने के लिए कचहरी से विदा ली, जिससे परिवार और समाज में सामंजस्य और आपसी समझ की भावना मजबूत हुई।