
हरपालपुर,हरदोई।क्षेत्र के पलिया गांव स्थित मां फूलमती देवी मंदिर के रामलीला मैदान में रामलीला मंचन में रविवार की रात्रि राम जन्म, मुनि आगमन और ताड़का वध लीला का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। एक बार भूपति मन माही ,भई गलानि मोरे सुत नहीं। दरबार में बैठे चक्रवर्ती नरेश दशरथ को अचानक दुख होता है कि उनका चौथा पन आ गया और उन्हें आज तक एक भी पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई। वह अपनी व्यथा लेकर गुरु वशिष्ठ के पास पहुंचे जहां गुरुजी ने कहा कि वह धैर्य रखे उन्हें चार पुत्र होंगे। इसके लिए उन्हें ऋषि श्रृंगी को बुलाकर पुत्रेष्टि यज्ञ कराना होगा।
गुरु की कृपा से यज्ञ संपन्न हुआ और अग्नि देव प्रकट हुए। फिर तीनों रानियों से चार पुत्र का जन्म हुआ। पुत्रों का जन्म सुनते महाराज दशरथ खुश हुए और ब्राह्मणों और याचको के बीच स्वर्ण मुद्राएं बंटवाई। इस बीच चूड़ाकरण,नामकरण,गुरु के यहां जाकर शिक्षा ग्रहण करने आदि का अभिनय रोमांचकारी रहा। धीरे धीरे चारों भाई बड़े हुए और उसी बीच ऋषि विश्वामित्र जो वन में यज्ञ कर रहे होते हैं उन्हें राक्षसों द्वारा परेशान किया जाने लगा तो वह यज्ञ की रक्षा के लिए अयोध्या पहुंचे और महाराज दशरथ से यज्ञ की रक्षा के लिए कुछ दिवसों के लिए राम और लक्ष्मण को मांगा तो दशरथ जी अधीर हो गए। बाद में गुरु वशिष्ठ के समझाने के बाद राजन ने दोनों राजकुमारों को मुनि को सौंप दिया। वन में पहुंचे भगवान श्री राम ने ताड़का का और सुबाहु मारीच का वध कर दिया। उपरोक्त सभी संवाद देख दर्शक रोमांचित होते रहे।इस मौके पर बबलू सिंह,वेदपाल गुप्ता,इंद्रपाल सिंह भूरा,मनोज गुप्ता,विकास श्रीवास्तव,सनोज सिंह,शैलेन्द्र सिंह,अरविंद मिश्रा,अतुल तिवारी,अनुराग श्रीवास्तव,श्याम सिंह,सनोज सिंह आदि मौजूद रहे।