विनीत प्रताप सिंह। गाजियाबाद । हाथरस प्रकरण में पीड़िता की लाश को रात में जलाने को लेकर कथित दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में लॉ के छात्रों ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को एक पत्र लिखा है जिसमें नोएडा के सिम्बायोसिस लॉ स्कूल के दो छात्रों के पत्र पर देश के अलग-अलग राज्यों के लॉ स्कूलों के 510 छात्रों ने हस्ताक्षर किये हैं।
छात्रों ने अपने पत्र में पीड़ित लड़की के शव को रात में दाह संस्कार किए जाने पर आपत्ति जताई है।
उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस के थाना चंदपा में कथित गैंगरेप मामले में लॉ के छात्रों ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है।
पत्र में लिखा है, “मानवीय आधार पर भारत सरकार ने एक आतंकी अजमल कसाब के शव को ले जाने के लिए पाकिस्तान की सरकार से अनुरोध किया था, ये अलग बात है कि पाकिस्तान सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया था।
छात्रों ने पत्र में ”परमानंद कटरा, एडवोकेट बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (1995) 3 एससीसी 248 का हवाला देते हुए कहा, “मौलिक अधिकार, सम्मान के साथ जीवन का अधिकार, में संस्कृति और परंपरा के अनुसार जिसकी मृत्यु हो गई है उस व्यक्ति को उचित अंतिम संस्कार का अधिकार भी शामिल है, लेकिन हाथरस में उस लड़की और परिवार के साथ वो मानवीयता नहीं दिखाई गई।
जिस परिवार की लड़की ने सबसे जघन्य अपराध में अपनी जान गंवाई।” पत्र में आगे लिखा गया, “कथित तौर पर पुलिस ने बयान दिया कि मृतक लड़की के शव को जलाने के लिए परिवार से इजाजत ली गई थी, जबकि कई मौकों पर पीड़ित परिवार ये बता चुका है कि अंतिम संस्कार हमारी इच्छा एवं मान्यता के खिलाफ जा कर किया गया। अपने दावे को साबित करने के लिए पुलिस के पास ऐसा कोई कागजात नहीं है।”